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स्वतन्त्र देव व मनोहर लाल को मिला बुन्देलखण्ड से प्रतिनिधित्व

झाँसी : प्रदेश की योगी सरकार में पड़ोसी जनपद ललितपुर व जालौन को प्रतिनिधित्व मिला है। इन दोनों ़िजलों

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Mar 2017 01:06 AM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2017 01:06 AM (IST)
स्वतन्त्र देव व मनोहर लाल को मिला बुन्देलखण्ड से प्रतिनिधित्व
स्वतन्त्र देव व मनोहर लाल को मिला बुन्देलखण्ड से प्रतिनिधित्व

झाँसी : प्रदेश की योगी सरकार में पड़ोसी जनपद ललितपुर व जालौन को प्रतिनिधित्व मिला है। इन दोनों ़िजलों को अब पूरे बुन्देलखण्ड को विकास की मुख्य धारा में आगे ले जाने की जिम्मेदारी मिली है।

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प्रदेश की नवनिर्वाचित भाजपा सरकार में बुन्देलखण्ड से स्वतन्त्र देव सिंह को राज्यमन्त्री (स्वतन्त्र प्रभार) की शपथ दिलायी गयी है। पूर्व एमएलसी स्वतन्त्र देव सिंह अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। साथ ही ललितपुर जनपद की महरौनी (सुरक्षित) क्षेत्र से विधायक मनोहर लाल पन्त (मन्नू कोरी) को राज्य मन्त्री की शपथ दिलायी गयी।

भाजपा संगठन में लम्बे समय से कार्य करने वाले पूर्व एमएलसी स्वतन्त्र देव सिंह की लखनऊ में बुन्देलखण्ड की पहचान है। वह लगातार अपनी पहचान को ़जमीन से जोड़े हुए हैं। विद्यार्थी परिषद के समय से बुन्देलखण्ड में संगठन मन्त्री के तौर पर कार्य करने वाले स्वतन्त्र देव सिंह उर्फ कांग्रेस सिंह को भाजपा संगठन में कई जिम्मेदारी मिली है। वह भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ भाजपा के प्रान्तीय महामन्त्री व प्रान्तीय उपाध्यक्ष रहे हैं। विद्यार्थी परिषद के दिनों से स्वतन्त्र देव का उरई जनपद के साथ झाँसी व आसपास के सभी ़िजलों से गहरा नाता रहा है। वह विधान परिषद के सदस्य रहे हैं। इन दिनों वे किसी सदन के सदस्य नहीं है। वे उरई ़िजला सहकारी बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं। भाजपा के पिछड़े वर्ग की राजनीति (गैर यादव) को आगे बढ़ाने के लिए कुर्मी जाति का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वतन्त्र देव को अब बुन्देलखण्ड को विकास की मुख्य धारा में लाने की जिम्मेदारी भी है। हालाँकि वह वर्ष 2012 में कालपी विधानसभा का चुनाव हार चुके हैं, लेकिन विद्यार्थी परिषद के बाद भाजपा संगठन में दिए गए योगदान के बल पर यहाँ तक पहुँचे हैं। वर्ष 1980 के बाद वे अपने भाई शिवदान सिंह के साथ मिर्जापुर से उरई आए थे। शिवदान सिंह पुलिस विभाग में थे। छात्रसंघ चुनाव की राजनीति के बाद से वे उरई के ही होकर रह गए। उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खास लोगों में स्थान बनाने तथा प्रधानमन्त्री मोदी की रैलियों को सफलता से सम्पन्न कराने का इनाम मिला है।

इधर, ललितपुर जनपद से महरौनी से विधायक बने मनोहर लाल पन्त (मन्नू कोरी) भाजपा की अति दलित राजनीति का चेहरा हैं। अब वह बुन्देलखण्ड के अति दलित चेहरे के रूप में उभरे हैं। उन्हें अहिरवार छोड़कर अन्य अति दलित जातियों के उत्थान के लिए कार्य करना है, जो भाजपा की राजनीति का नया अस्त्र है। उन्होंने महरौनी में बसपा के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता बृजलाल खाबरी (पूर्व बसपा नेता) को बड़े अन्तर से पराजित किया है। बुन्देलखण्ड के इन दोनों नेताओं को प्रदेश मन्त्रिमण्डल में स्थान मिलने पर कार्यकर्ताओं व समर्थकों में खुशी है।

जनपद वासियों को मिली मायूसी

प्रदेश की योगी सरकार में झाँसी जनपद के लोगों को मायूसी ही हाथ लगी है। जनपद की चारों विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशियों को विधायक बनाने वाली जनता को योगी सरकार के पहले शपथ ग्रहण समारोह से निराशा ही हाथ लगी है। झाँसी विधानसभा क्षेत्र से रवि शर्मा दूसरी बार चुनाव जीते, तो बबीना से राजीव सिंह पारीछा व गरौठा के जवाहर लाल राजपूत ने सपा से कठिन लड़ाई में जीत हासिल की है। मऊरानीपुर (सुरक्षित) सीट से बिहारी लाल आर्य अपनी सादगी के लिए पहचाने जाते हैं। आदित्यनाथ योगी के मुख्यमन्त्री के शपथ लेने से उत्साहित कार्यकर्ता व समर्थकों के साथ जनपद के लोगों में सरकार में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से कुछ हताशा भी है।


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