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शहनाई के बीच होंगे पुलिस के 'फेरे'

झाँसी : बुन्देलखण्ड लोक संस्कृति के अनुसार खरमास समाप्त होते ही मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जायेंगे। अ

By Edited By: Published: Sun, 15 Jan 2017 01:42 AM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2017 01:42 AM (IST)
शहनाई के बीच होंगे पुलिस के 'फेरे'
शहनाई के बीच होंगे पुलिस के 'फेरे'

झाँसी : बुन्देलखण्ड लोक संस्कृति के अनुसार खरमास समाप्त होते ही मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जायेंगे। अपने बच्चों को विवाह के बन्धन में बाँधने के लिए उनके परिजनों की तैयारियाँ लगभग पूरी हो गई हैं। 16 जनवरी से शहनाई बजना शुरू हो जायेंगी।

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वैवाहिक बेला का स्वागत करने के लिए विवाह घरों, बैण्ड-बाजा, शामयाना हाउस, फोटोग्राफर, शादी के कार्ड, हलवाई समेत आतिशबाजी वाले उत्साहित हैं और उन्होंने मांगलिक कार्यक्रम को नया रूप देने के लिए खास तैयारियाँ भी की हैं। और अब इन्त़जार है विवाह घरों के बाहर दो-पहिया, चार-पहिया वाहनों की पार्किंग व्यवस्था बनाने की, जिसकी तैयारी करता कोई नहीं दिख रहा। अगर पार्किंग व्यवस्था ठीक प्रकार से नहीं बनी, तो रंग में भंग होने का ख़्ातरा बना रहेगा। इसके लिए प्रशासन को पहल कर सख्ती से विवाह घरों के बाहर पार्किंग व्यवस्था बनवाने के लिए गम्भीर होना पड़ेगा। हालाँकि, पुलिस ने ऐसे स्थानों को चिह्नित कर व्यवस्था बनाने का खाका खींच लिया है। आज मकर संक्रान्ति पर भगवान सूर्य ने धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश किया। सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आये, जिससे देवताओं के आने के दिन आरम्भ हो गये। श्रेष्ठ आचार्यो के अनुसार मुख्य वैवाहिक शुभ लग्न 17, 18, 22 जनवरी के साथ ही 5, 6, 18, 19, 23, 27, 28 फरवरी हैं। माँगलिक कार्यक्रम को यादगार व सुचारू रूप देने के लिए लोगों ने व्यवस्था करने वालों को एडवांस में भुगतान कर दिया, लेकिन आयोजन स्थल के बाहर बारात का स्वागत करने के लिए पर्याप्त स्थान मिले, इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जबकि यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है। ह़जारों रुपये खर्च करके विवाह घरों को बुक किया जाता है, लेकिन अधिकांश वाहनों की पार्किंग व्यवस्था नहीं बनाते, जिससे उस मार्ग पर जैम लग जाता है। वाहन चालकों को तो असुविधा होती ही है, कार्यक्रम में सम्मलित होने वाले अतिथियों को भी परेशानी होती है। इस दौरान कोई सड़क दुर्घटना हो जाती है, तो रंग में भंग पड़ जाता है। विवाह घर संचालकों को सबसे पहले वाहनों को पार्क करने के व्यवस्था बनानी होगी। इसके साथ ही ़िजला व पुलिस प्रशासन, यातायात विभाग को भी इस ओर गम्भीरता से सोचना होगा। जिन मार्गो से बारात निकलती हैं, उन मार्गो पर वाहन चालकों को बड़ी देर तक रास्ता खुलने का इन्त़जार करना पड़ता है। विशेष तौर पर ऐसे मार्गो पर अधिक परेशानी होती है, जिन मार्गो पर तीन-चार विवाह घर हैं। सम्बन्धित विभागों को इस ओर गम्भीरता दिखानी होगी, इन मार्गो पर दोनों ओर अतिक्रमण हटवाना होगा, मोबाइल टीम द्वारा निरीक्षण कर सड़क के दोनों ओर वाहनों को हटवाना होगा। विवाह संचालकों को निर्देश देना होगा कि अगर वे पार्किंग की व्यवस्था नहीं करते हैं, कोई दुर्घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी उनकी होगी।

इन मार्गो पर लगता है जैम

महानगर के कोतवाली क्षेत्र में बीकेडी चौराहा से लेकर खण्डेराव गेट, गल्ला मण्डी से लेकर शिवाजी नगर, दतिया गेट बाहर से लेकर पंचवटी कॉलनि, नवाबाद क्षेत्र में जीवनशाह तिराहा से लेकर ग्वालियर रोड चौकी, इलाइट चौराहा से चित्रा चौराहा, इलाहाबाद बैंक से लेकर झाँसी होटल तक, सदर बा़जार क्षेत्र में झाँसी होटल से लेकर बाटा चौराहा, कचहरी चौराहा से लेकर कानपुर चुंगी, प्रेमनगर में हँसारी मेन रोड, पुलिया नम्बर 9, गरिया फाटक, नैनागढ़, थाना प्रेमनगर के समीप, सीपरी बा़जार में पुरानी कलारी से लेकर नन्दनपुरा, खाती बाबा रोड, गोन्दू कम्पाण्ड से मिशन कम्पाउण्ड, जर्मनी अस्पताल से लहर की देवी मार्ग तक कई विवाह घर हैं। इन मार्गो पर प्रशासन को अतिरिक्त यातायात व्यवस्था तो बनानी होगी, यहाँ से निकलने वाले लोगों को भी समय लेकर निकलना होगा, ताकि जैम की समस्या से उन्हें दो-चार न होना पड़े।


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