ट्रैक फ्रैक्चर से हुआ पुखरायाँ हादसा
झाँसी : पुखरायाँ-मलासा स्टेशन के बीच इन्दौर-राजेन्द्र नगर (पटना) एक्सप्रेस ट्रेन के ट्रैक फ्रैक्चर क
झाँसी : पुखरायाँ-मलासा स्टेशन के बीच इन्दौर-राजेन्द्र नगर (पटना) एक्सप्रेस ट्रेन के ट्रैक फ्रैक्चर के कारण दुर्घटनाग्रस्त होने के संकेत मिल रहे हैं। जाँच के दौरान यह बात प्रकाश में आई कि इंजन के बाद जो कोच दुर्घटनाग्रस्त हुआ था, उसके पहिए में पटरी से टकराने के निशान मिले हैं। रेलवे सूत्र बताते हैं कि पहिए में पटरी से टकराने पर गहरा गड्ढा बन गया था। हालाँकि, अधिकारी इस बाबत अभी इस पर कुछ कहने को तैयार नहीं हैं। रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) पीके आचार्य ने बुधवार को पुखरायाँ में जाँच के दौरान दुर्घटनास्थल से बिना मेजरमेण्ट क्षतिग्रस्त बोगियों को मौके से हटाने पर अ़फसरों से कड़ी नारा़जगी जताई। उनके तेवर देख ठण्ड में भी अधिकारियों को पसीना आ गया।
20 नवम्बर को हुई रेल दुर्घटना की दोबारा जाँच करने आए सीआरएस दुर्घटनास्थल पुखरायाँ पहुँचे। कानपुर से पुखरायाँ तक उन्होंने रेल अधिकारियों व कर्मचारियों से सवाल-जवाब किए। पुखरायाँ में सवालों के सही जवाब न मिलने पर उन्होंने कई अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन के गार्ड अजय कुमार व एडीआरएम विनीत कुमार को कड़ी फटकार लगाई। गार्ड झटके लगने वाले स्थल की जानकारी नहीं दे पाया था। इसके बाद सीआरएस जाँच के लिए दुर्घटनास्थल पहुँचे तो सीडीएसओ टीपी ¨सह से पूछा कि दुर्घटना में कितनी बोगियाँ क्षतिग्रस्त हुई थीं और उनकी स्थिति क्या थी? इस सवाल पर सीडीएसओ सही उत्तर नहीं दे सके। उन्होंने सीडीएसओ से पूछा कि ट्रेन की जो बोगियाँ सुरक्षित बची थीं, वे कहाँ खड़ी थीं? इस पर सीडीएसओ ने बताया कि उनके आने के पहले ही सुरक्षित बची बोगियाँ घटनास्थल से हटा दी गई थीं। इस जवाब पर सीआरएस का पारा गरम हो गया। उन्होंने मौके पर मौजूद एडीआरएम विनीत कुमार से पूछा कि बिना मेजरमेंट के दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन की बोगियाँ क्यों हटवाई गई? सही उत्तर न दे पाने पर सीआरएस ने एडीआरएम को भी आड़े हाथों लेते हुए फटकार लगाई तथा लिखित उत्तर देने को कहा। सीआरएस दुर्घटनास्थल के पास से ट्रॉली में बैठकर पुखरायाँ रेलवे स्टेशन तक ट्रैक की जांच करते गए। स्टेशन पर स्टेशन अधीक्षक देवेन्द्र ¨सह समेत कई अधिकारियों के बयान लिए। स्टेशन से ट्रॉली में बैठकर वापस दुर्घटनास्थल पहुँचने के बाद सीआरएस ने लेंस से रेल पटरी की स्थिति देखी तथा मौके पर मौजूद सीडीएसओ से पटरी के बारे में पूछताछ की। इस बार फिर सीडीएसओ कोई सही उत्तर नहीं दे सके। इस पर झल्लाए सीआरएस ने मुख्य संरक्षा अधिकारी एवं पीसीएम से अधीनस्थ कर्मचारियों को कम से कम तीन महीने के लिए ट्रे¨नग पर भेजने की बात कही।