ढाई घण्टे में दिया वारदात को अंजाम
झाँसी : माईसेम सीमेण्ट में अकाउण्ट मैनेजर के घर में पिता-पुत्री की हत्या के साथ ही लूटपाट में बदमाशो
झाँसी : माईसेम सीमेण्ट में अकाउण्ट मैनेजर के घर में पिता-पुत्री की हत्या के साथ ही लूटपाट में बदमाशों ने ढाई घण्टा लगाया। यह खुलासा कॉलनि में एक व्यक्ति के मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे से हुआ।
घटना स्थल का निरीक्षण करते समय जैसे ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ऩजर पास के एक मकान में लगे सीसीटीवी कैमरे पर पड़ी, उन्होंने नवाबाद थानाध्यक्ष बीएल यादव को इसकी जाँच करने के आदेश दिये। पुलिस ने कैमरे के फुटेज देखे, तो रात 8.38 बजे 3 बदमाश एक हाथ में बैग लेकर मृतक के मकान की ओर तरफ जाते दिखाई दिये। इसके बाद वह रात 11.01 बजे वहाँ से पैदल वापस निकले। लौटते समय उनके हाथ में दो बैग दिखाई दे रहे हैं। इससे सा़फ हो गया कि बदमाशों ने रात में ही पिता-पुत्र की हत्या कर लूटपाट की।
घटना में जान-पहचान वालों का हाथ
खाना बनाने वाली बाई जब घर में पहुँची, तो मुख्य गेट के साथ ही अन्दर के भी गेट खुले थे। इस पर वह आवा़ज लगाते हुए अन्दर चली गयी और शव व खून को देखकर बाहर निकल आयी। दरवा़जों का खुला होना सा़फ करता है कि वारदात में कोई ऐसा भी इन्सान था, जिसको माथुर या उनकी पुत्री जानती थी, जिसके आने पर उन्होंने गेट खोल दिये और उसने बाद में अपने साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।
बीमार पिता को देखने आया था पुत्र
एक रिश्तेदार ने बताया कि राजीव नारायण माथुर पहले सिविल लाइन्स क्षेत्र में रहते थे। लगभग 5 साल पहले उनकी पत्नी का निधन हुआ, तो उन्होंने मकान बदल दिया था और वीरांगना नगर में आकर रहने लगे। पत्नी के निधन के बाद राजीव अपने पुत्र दिव्यांशु और पुत्री प्रिया को माँ-बाप दोनों का प्यार देते थे। दिव्यांशु की नौकरी बैंगलोर में लग गयी, तो वह पुत्री के साथ अकेले रहते थे। कुछ दिन से उनकी तबीयत ठीक नहीं थी, जिस पर दिव्यांशु छुट्टी लेकर आया था और पिता का इलाज कराया। बीते रो़ज दोपहर को ही वह ट्रेन से बैंगलोर के लिए रवाना हुआ और आज सुबह घटना हो गयी। दिव्यांशु को सूचना दी, तो वह ट्रेन में था। उसने हैदरबाद से फ्लाइट द्वारा आने की बात कही।
शादी की खुशी भी थी घर में
रिश्तेदार ने बताया कि मृतक राजीव माथुर ने अपने इंजीनियर पुत्र की शादी तय कर दी थी। शादी की तिथि 21 जनवरी तय की गयी थी, जिसको लेकर उनके परिवार में शादी को लेकर भी तैयारी चल रही थीं।
डाइनिंग टेबिल पर सजा रखा रह गया डिनर
डाइनिंग टेबिल पर डिश में सब़्जी-रोटी रखी थी, तो बाहर से पार्सल होकर आया डोसा, साम्बार भी रखा था। इससे अन्दा़जा लगाया जा रहा है कि पिता-पुत्री डिनर के लिए बैठने ही वाले थे। इसी दौरान कोई जान-पहचान वाला आया और उन्होंने दरवा़जा खोल दिया। और यही व्यक्ति अपने साथियों के साथ दोनों की हत्या कर सामान लूटकर ले गया।
डकैती व दिनदहाड़े चोरी से नहीं लिया सबक
वीरांगना नगर में जिस जगह आज डबल मर्डर और लूटपाट की घटना हुयी है, उससे कुछ ही दूरी पर जेडीए के अवर अभियन्ता नरेन्द्र कुमार थापक का मकान है। पहले उनके घर पर बदमाशों ने डकैती डाली थी और बन्धक बनाकर मारपीट के बाद जेवर व ऩकदी आदि लूट कर ले गये थे। 8 अगस्त को वे ऑफिस में थे और उनकी पत्नी स्कूल गयी थी। तभी बदमाशों ने दिन में दरवा़जों में लगे इण्टरलॉक तालों को तोड़ने के लिये दरवा़जों को उखाड़ डाला था और अलमारी में रखे जेवर व रुपए चोरी कर ले गये थे। आज तक इन बदमाशों का कुछ पता नहीं चल सका। दो घटनाओं के बाद भी पुलिस ने सबक नहीं लिया, और आज दिल दहला देने वाली घटना हो गयी।
एक माह पहले ही खरीदा था कुत्ते का बच्चा
डाइनिंग टेबिल के नीचे लगभग 2 माह का एक कुत्ते का बच्चा बँधा हुआ था और उसके आसपास मछलियाँ पड़ी थी, जो फिश अक्वैरियम के टूटने से बाहर निकल आयी और मर गयी। पुलिस का शक है कि बदमाशों और राजीव माथुर में विवाद हुआ, जिस पर फिश अक्वैरियम गिरकर टूट गया।
जाल में फँसी मछलियों ने दी जाँच को दिशा
झाँसी : कहते हैं कि बदमाश कितना ही शातिर क्यों न हो, कोई न कोई ऐसा सबूत जरूर छोड़ जाता है, जिससे ़कानून के हाथ उसके गिरबाँ तक पहुँच जाते हैं। मृतक राजीव माथुर के घर में लगा फिश अक्वैरियम भले ही बदमाशों से झगड़े के दौरान टूट गया हो और उसके अन्दर की मछलियाँ तड़प-तड़प के मर गयी हों, लेकिन इस अक्वैरियम के पास रखे एक जाल मे फँसी मछलियाँ कोई और भी कहानी बयाँ कर रही हैं। इस पर मोहर लगा रहा है सीसीटीवी कैमरे में कैद बदमाशों की वो धूमिल तस्वीरें, जिसमें भले ही वह पूरी तरह से सा़फ ऩजर न आ रहे हों, लेकिन उनका हुलिया और चाल-ढाल काफी मिल रहा है। इसके साथ ही घटना की परिस्थितियाँ भी सा़फ कह रही हैं कि घटना को अंजाम ऐसे व्यक्ति ने दिया है, जो मृतक की जान-पहचान का है और वह घर पर आता-जाता रहा होगा। उसको यह भी पता था कि घर पर सिर्फ पिता-पुत्री हैं और उनका पुत्र बाहर चला गया है। रात में इनके घर पर कोई बाहरी व्यक्ति नहीं आता है। इससे यह तस्वीर तो सा़फ होती है कि मृतक के घर पर जब फिश अक्वैरियम है, तो निश्चित रूप से इसके रखरखाव और स़फाई आदि के लिए कोई न कोई व्यक्ति आता-जाता होगा। कई बार आने-जाने से उसकी परिजनों से पहचान हो गयी होगी। एकान्त में मकान और घर में शादी की तैयारी से यह भी तय होगा कि घर में ऩकदी और जेवर होगा। ऐसे में उसकी नीयत ख़्ाराब हो सकती है। साथियों को ढेर सारा रुपया और जेवर का सब़्जबाग दिखाकर प्लैन भी तैयार किया जा सकता है। ऐसे में पुलिस को दिल दहला देने वाली पिता-पुत्री की गला रेतकर हत्या और लूटपाट की घटना में बदमाशों को पकड़ने में सहायक मानी जा रही है। सूत्रों की मानें, तो पुलिस ने इस लाइन पर काम भी शुरू कर दिया है और उसके हाथ में कुछ ऐसे पुख्ता सबूत लग गये हैं, जिससे जल्द ही आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।