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अब बदलेगी जेडीए की कार्य संस्कृति!

झाँसी : अवैध निर्माण के ख़्िाला़फ खामोश रहने वाले झाँसी विकास प्राधिकरण की कार्य संस्कृति में बदलाव

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 01:17 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 01:17 AM (IST)
अब बदलेगी जेडीए की कार्य संस्कृति!

झाँसी : अवैध निर्माण के ख़्िाला़फ खामोश रहने वाले झाँसी विकास प्राधिकरण की कार्य संस्कृति में बदलाव आने की सम्भावना बन गई है। लम्बे समय बाद शासन ने विभाग को स्थायी उपाध्यक्ष दिया है। इस पद पर झाँसी के ही सीडीओ को तैनाती दी गई है, जबकि खाली चल रहे सचिव पद पर झाँसी में नगर मैजिस्ट्रेट रह चुके आरपी मिश्रा को तैनाती दी गई है।

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शासन द्वारा बड़े पैमाने पर किए गए फेरबदल ने झाँसी की प्रशासनिक हलचल बढ़ा दी है। इस बदलाव ने कई अधिकारियों की कुर्सी बदल दी, तो कई की जनपद से विदाई हो गई। सबसे बड़ा बदलाव झाँसी विकास प्राधिकरण में आया है। विभाग को स्थायी उपाध्यक्ष मिल गया है। शासन ने झाँसी के मुख्य विकास अधिकारी चन्द्र विजय सिंह को उपाध्यक्ष बनाया है। चार दशक के इतिहास में जेडीए में दूसरी बाद उपाध्यक्ष पद पर स्थायी तैनाती मिली है। इनसे पहले पीके उपाध्याय को इस पद का दायित्व सौंपा गया था। तिलकधारी सिंह के स्थानान्तरण के बाद से खाली चल रहे सचिव पद पर बहराइच के मुख्य राजस्व अधिकारी रमेश प्रसाद मिश्र को भेजा गया है। इससे पहले वह झाँसी में नगर मैजिस्ट्रेट के पद पर तैनात रह चुके हैं और उसी समय उन्हें कुछ समय के लिए जेडीए सचिव का अतिरिक्त प्रभार भी मिला था। उधर, मुख्य विकास अधिकारी पद पर विशेष सचिव पर्यावरण विभाग एवं निदेशक पर्यावरण नवनीत सिंह चहल को भेजा गया है। स्थानान्तरण के बाद भी प्रतीक्षारत चल रहे एडीएम उमेश नारायण पाण्डेय को अपर ़िजलाधिकारी वित्त एवं राजस्व लखीमपुर खीरी भेजा गया है। नगर आयुक्त अरुण प्रकाश का स्थानान्तरण फिलहाल निरस्त किया गया है। नगर मैजिस्ट्रेट भगवान शरण को बाँदा तथा बाँदा नगर मैजिस्ट्रेट राकेश कुमार श्रीवास्तव को झाँसी में तैनाती दी गई है। अपर आयुक्त का पद सँभाल रहे राजेश कुमार त्यागी को मुख्य विकास अधिकारी देवरिया बनाया गया है, जबकि उनके स्थान पर बस्ती के मुख्य विकास अधिकारी सोबरन सिंह को भेजा गया है। सम्भागीय खाद्य नियन्त्रक के पद पर अपर ़िजलाधिकारी प्रशासन आगरा हरनाम सिंह को तैनाती दी गई है।

25 मिनट में 103 मिलीमीटर बरसे मेघ

झाँसी : गुरूवार की दोपहर बारिश ने सीमाएं तोड़ दीं। महज 25 मिनट में काली घटाएं ऐसी झूम कर बरसीं कि महानगर के अन्दरूनी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। नाले-नालियाँ उफना गई, तो सड़कें जलमग्न हो गई। पानी लोगों के घरों में समा गया।

एक सप्ताह से बारिश का सिलसिला धीमा पड़ गया था। गुरुवार की सुबह भीषण उमस के साथ शुरू हुई। 11 बजते-बजते मौसम बदला और आसमान पर गहरी काली घटाएं छा गई। दोपहर लगभग 12 बजे से बारिश शुरू हुई। धीमी गति से शुरू होने वाली बरसात ने चन्द मिनटों में ही ऐसी रफ्तार पकड़ ली कि पानी का वेग बढ़ता चला गया। नाले-नालियों में पानी नहीं समाया तो उफनाकर सड़कों पर बहाव शुरू हो गया। निचली बस्तियों में कमर तक पानी चढ़ गया, जिसने लोगों के घरों में प्रवेश कर खलबली मचा दी। सड़कों पर वाहन चलाना कठिन हो गया। बारिश में डूबकर वाहन बन्द हो गए, जिन्हें घसीटते हुए लोग ऩजर आए। महज 25 मिनट में ही 103 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई।

कहीं ते़ज, कहीं रिमझिम

आज हुई बारिश ने महानगर में अलग-अलग रंग दिखाए। इलाइट के आसपास बारिश की गति काफी ते़ज रही, जबकि सीपरी और नगरा क्षेत्र में घटाएं तो काली छाई रहीं, लेकिन बारिश की गति सामान्य रही। भरारी फॉर्म के आँकड़े भी इसकी पुष्टि करते हैं। मौसम वैज्ञानिक डॉ. मुकेश चन्द ने बताया कि भरारी फॉर्म में स्थापित वर्षामापक यन्त्र में 9 मिलीमीटर बारिश ही रिकॉर्ड की गई, जबकि लखनऊ मौसम विभाग द्वारा झाँसी में 103.8 मिमी बारिश दर्ज की गई है।


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