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शताब्दी बसों पर शिकंजा कसेगा

झाँसी : बिना परमिट के बेखौफ दौड़ रहीं शताब्दी बसों पर शिकंजा कसने की तैयारी रोडवे़ज ने कर ली है। विभा

By Edited By: Published: Sat, 27 Aug 2016 01:14 AM (IST)Updated: Sat, 27 Aug 2016 01:14 AM (IST)
शताब्दी बसों पर शिकंजा कसेगा

झाँसी : बिना परमिट के बेखौफ दौड़ रहीं शताब्दी बसों पर शिकंजा कसने की तैयारी रोडवे़ज ने कर ली है। विभाग संयुक्त चेकिंग अभियान चलाकर इन वाहनों पर कार्यवाही करेगा। निशाने पर कानपुर रूट पर चलने वाले वे सभी डग्गामार वाहन होंगे, जो रोडवे़ज को आर्थिक क्षति पहुँचा रहे हैं।

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एट और उरई के बीच का हिस्सा रेड कॉरिडोर घोषित होने के कारण इस रूट पर प्राइवेट बसों को परमिट नहीं दिए जा सकते हैं। इसके बावजूद कई प्राइवेट बसें व सवारी वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। यही नहीं, लग़्जरी बसों में शामिल शताब्दी बसें भी इस रूट पर बिना रोकटोक के चल रही हैं। महानगर के प्रमुख स्थलों पर बाकायदा ऑफिस खोलकर शताब्दी बसों के लिए सवारियों की एडवांस बुकिंग की जा रही है। इनके ख़्िाला़फ ठोस कार्यवाही नहीं होने का ही नतीजा है कि इसका खामियाजा रोडवे़ज विभाग को चुकाना पड़ रहा है। रात्रि के समय यह बसें अधिकांश सवारियाँ बुक कर लेती हैं, जिससे रोडवे़ज बसों को सवारियाँ नहीं मिलतीं। विभाग सीधे तौर पर इन अवैध बसों पर कार्यवाही नहीं कर सकता है और आरटीओ विभाग चुप्पी साधे रहता है। इसे देखते हुए अब रोडवे़ज विभाग ने डग्गामार वाहनों पर शिकंजा सख्त करने का निर्णय लिया है। क्षेत्रीय प्रबन्धक डीवी सिंह ने बताया कि अवैध तरीके से संचालित होने वाली शताब्दी बसों के साथ ही कानपुर रूट पर चलने वाले डग्गामार वाहनों पर कार्यवाही के लिए संयुक्त चेकिंग अभियान चलाया जाएगा।

शादी परमिट का तोड़ नहीं

झाँसी-कानपुर रूट पर प्राइवेट बसों को परमिट नहीं दिया जाता है, लेकिन कार्यवाही से बचने के लिए बस संचालक शादी परमिट पर बसों का संचालन करते हैं। नियमत: इसके लिए निश्चित स्थान से सवारियाँ लेने और छोड़ने की व्यवस्था है, लेकिन बस ऑपरेटर्स इसका उपयोग छुट्टा सवारियाँ ढोने में करते हैं। शताब्दी बसों के लिए दफ्तर खोलकर सवारियों की बुकिंग की जाती है। रोडवे़ज विभाग डग्गामार वाहनों के खिलाफ संयुक्त चेकिंग अभियान तो चलाने की तैयारी में है, लेकिन शादी परमिट पर चलने वाले वाहनों पर शिकंजा कसने का कोई ठोस प्लैन नहीं है। दरअसल, विभाग चलती बस पर कार्यवाही कर सकता है, इसलिए शादी परमिट की बसों को अवैध दर्शाना आसान नहीं होगा।

वीडियोग्राफी के बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

रोडवे़ज को आर्थिक रूप से क्षति पहुँचा रही शताब्दी बसों पर लगाम लगाने के लिए लगभग डेढ़ साल पहले भी विभाग ने प्रयास किए थे। शताब्दी बसों के बुकिंग ऑफिस के साथ ही अन्य तरह की वीडियो रिकॉर्डिग कराई गई थी। रिपोर्ट मुख्यालय भेजने के बावजूद परिणाम नहीं निकले।

धारा 207 में होनी चाहिए कार्यवाही

अवैध तरीके से सड़क पर दौड़ने वाले वाहनों पर मोटर वीहिकल ऐक्ट की विभिन्न धाराओं में कार्यवाही की जाती है। सूत्र बताते हैं कि आरटीओ विभाग हल्की धाराओं में कार्यवाही करता है, जिससे जुर्माना अदा कर वाहन छूट जाते हैं। अगर धारा 207 में कार्यवाही की जाए, तो बिना परमिट के वाहन तब तक नहीं छूट सकेंगे, जब तक परमिट जारी न कराया जाए। इससे रोडवे़ज को नुकसान पहुँचाने वाली शताब्दी या अन्य वाहनों पर प्रभावी ढंग से ब्रेक लग सकेगा। आरटीओ संजय सिंह ने बताया कि पिछले दिनों में 32 बसों पर धारा 207 के तहत कार्यवाही की गई है।


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