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मध्य प्रदेश ने फिर बुझाई बाँधों की प्यास

झाँसी : जीवनदायिनी बेतवा ने एक बार फिर प्यास बुझाने का इन्त़जाम कर दिया है। मध्य प्रदेश में हो रही झ

By Edited By: Published: Tue, 12 Jul 2016 01:39 AM (IST)Updated: Tue, 12 Jul 2016 01:39 AM (IST)
मध्य प्रदेश ने फिर बुझाई बाँधों की प्यास

झाँसी : जीवनदायिनी बेतवा ने एक बार फिर प्यास बुझाने का इन्त़जाम कर दिया है। मध्य प्रदेश में हो रही झमाझम बारिश के पानी ने नदी पर निर्भर चारों बड़े बाँधों को पानी से लबालब कर दिया है। स्थिति यह हो गई है कि माताटीला बाँध से ढाई लाख क्यूसिक पानी ओवरफ्लो हो रहा है, जो रास्ते के बाँधों को लाँघकर बेतवा में दौड़ रहा है। सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। हालाँकि झाँसी में पर्याप्त बारिश न होने के कारण कई बाँध अब भी पानी के लिए तरस रहे हैं।

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सोमवार की दोपहर हुई झमाझम बारिश को छोड़ दें तो झाँसी में अभी मॉनसून की झड़ी नहीं लगी है, जबकि मध्य प्रदेश में बीते डेढ़ सप्ताह से भीषण बरसात हो रही है। वहाँ कई जनपदों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, जिससे बेतवा और जामनी नदी का जलस्तर चढ़ गया है। बीते 3 दिन में हुई बारिश ने तो बेतवा में उफान ला दिया है। मध्य प्रदेश का पानी समेटकर दौड़ रही बेतवा ने राजघाट बाँध को फुल कर दिया। जुलाई माह तक 368 मीटर तक भरने की बाध्यता के बाद राजघाट के गेट खोल दिए गए, जिससे 1.57 लाख क्यूसिक पानी ने माताटीला का जलस्तर 306.63 मीटर तक पहुँचा दिया। माताटीला भरने के बाद सिंचाई विभाग ने रविवार की दोपहर इस बाँध के गेट भी उठा दिए और 1.41 लाख क्यूसिक पानी ने 5 घण्टे में ढुकवाँ को लबालब कर दिया। रात को ही ढुकवाँ से पानी छोड़ दिया गया, जिससे पारीछा का ओवरफ्लो अचानक बढ़ गया। दरअसल, जामनी नदी के बहाव से पहले ही पारीछा बाँध से 60 ह़जार क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा था। ढुकवाँ से आए पानी ने बेतवा की लहरों को तेज कर दिया। सोमवार की दोपहर तक इस बाँध से 1.57 लाख क्यूसिक का डिस्चार्ज किया जाने लगा। इसी बीच मध्य प्रदेश से आने वाले पानी की मात्रा बढ़ गयी और दोपहर 3 बजे से माताटीला बाँध के ऊपर से ढाई लाख क्यूसिक पानी छोड़ दिया गया। अचानक पानी बढ़ने पर सिंचाई विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है। अधीक्षण अभियन्ता एससी शर्मा ने बताया कि फिलहाल बेतवा के किनारे के गाँवों में ख़्ातरा नहीं है, लेकिन अगर पानी की मात्रा 5 लाख क्यूसिक पहुँचती है तो गाँवों में पानी प्रवेश कर सकता है, जिस पर निगरानी रखी जा रही है। यह स्थिति उन बाँधों की है, जो बेतवा पर निर्भर हैं, जबकि झाँसी के अन्य बाँधों में अभी पानी की जरूरत पूरी नहीं हो पाई है। सिंचाई विभाग द्वारा 11 जुलाई की प्रात: जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार सपरार बाँध में अभी केवल 15 प्रतिशत ही पानी भरा है, जबकि पहाड़ी में 37 प्रतिशत, बढ़वार झील में 14 प्रतिशत, पहूज में 26 प्रतिशत, डोंगरी में 29 प्रतिशत तथा खपरार बाँध में 23 प्रतिशत पानी भरा है। पिछले दिनों धसान नदी में आई बाढ़ ने लहचूरा बाँध को फुल कर दिया है।

माताटीला से ओवरफ्लो, साहब गायब

माताटीला को लबालब करने के बाद बेतवा बाँध के ऊपर से बहने लगी है, लेकिन इस पर निगरानी रखने वाले अधिशासी अभियन्ता माताटीला गायब हैं। बताया गया कि हाल ही में मोहम्मद शरीफ का स्थानान्तरण इलाहाबाद से झाँसी माताटीला खण्ड में अधिशासी अभियन्ता के पद पर हुआ है। उन्होंने झाँसी आकर चार्ज भी लिया, लेकिन फिर इलाहाबाद चले गए। इस पर अधीक्षण अभियन्ता एससी शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने पत्र लिखते हुए तत्काल झाँसी में आमद दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। अधीक्षण अभियन्ता ने विभाग के अधिकारियों को बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर भी पाबन्दी लगा दी है।

व्यर्थ बह रहा पानी, पहूज और गढ़मऊ सूखे

माताटीला बाँध से दौड़ रहा ढाई लाख क्यूसिक पानी ढुकवाँ व पारीछा बाँध को लाँघकर बेतवा में दौड़ रहा है, जबकि जनपद के पहूज, रेलवे डैम और गढ़मऊ झील में पानी की आवश्यकता बनी हुई है। दरअसल, यह तीनों जलाशय माताटीला के पानी से ही भरे जाते हैं। इसके लिए ढुकवाँ बाँध से सीपरी रजवाहा व दतिया कैरियर से पानी देने की व्यवस्था की गई है। इतना पानी व्यर्थ बहाने की बजाए, विभाग अगर इन जलाशयों को भरता तो पानी भी बचता और भविष्य की चिन्ता से भी मुक्ति मिलती। दरअसल, इन नहरों का संचालन मध्य प्रदेश की अनुमति पर ही किया जाता है, इसलिए सीधे पानी छोड़ना सम्भव नहीं है। अधीक्षण अभियन्ता एससी शर्मा ने सोमवार की दोपहर को मध्य प्रदेश के अफसरों से सम्पर्क साधने की कोशिश की, ताकि बेतवा में दौड़ रहे पानी से तीनों जलाशयों के साथ तलहटी तक सूखे दतिया के अंगूरी बैराज को भरने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। सूत्र बताते हैं कि बारिश के समय होने वाले ओवरफ्लो से नहरों में सिल्ट जमा होने की आशंका रहती है, इसलिए पानी नहीं चलाया जाता है। यह तर्क सही हो सकता है, लेकिन सिर्फ नहर में सिल्ट जमा होने के खतरे को देखते हुए पानी को व्यर्थ बहाने की रिस्क लेना कहाँ तक उचित है। ऐसे में अगर मॉनसून दगा दे जाता है तो आने वाले समय में बड़ा संकट भी खड़ा हो सकता है।

ओरछा पुल के ऊपर से बही बेतवा

माताटीला बाँध से ढाई लाख क्यूसिक पानी छोड़ने के बाद बेतवा में उफान आ गया। जलस्तर बढ़ने से बेतवा का पानी रविवार रात से ही ओरछा रिपटे के ऊपर से बहने लगा। सोमवार की दोपहर में तो ढाई लाख क्यूसिक पानी छोड़ा गया, जिसके बाद पुल से पानी का बहाव काफी तेज हो गया, जिससे पृथ्वीपुर का मार्ग बन्द हो गया।


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