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ट्रेन में हुनर दिखाने वाले 6 चोर दबोचे

झाँसी : पलक झपकते ही यात्रियों को सामान, पर्स व मोबाइल उड़ाने वाले आधा दर्जन चोर जीआरपी के हत्थे चढ़

By Edited By: Published: Sun, 26 Jun 2016 01:28 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2016 01:28 AM (IST)
ट्रेन में हुनर दिखाने वाले 6 चोर दबोचे

झाँसी : पलक झपकते ही यात्रियों को सामान, पर्स व मोबाइल उड़ाने वाले आधा दर्जन चोर जीआरपी के हत्थे चढ़ गए। सभी बदमाश अलग-अलग पकड़े गए, जिनमें एक हिस्ट्रीशीटर भी शामिल है। इनके पास से चोरी के मोबाइल फोन, ऩकदी व अन्य सामान बरामद किया गया है।

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ट्रेनों में बढ़ रहे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए प्रभारी निरीक्षक रविचन्द्र मिश्रा, उप निरीक्षक निर्भय सिंह व प्रेम प्रकाश सिंह के नेतृत्व में सिपाहियों की अलग-अलग टोली रेलवे स्टेशन पर गश्त कर रही थी। इसी दौरान उन्हें संदिग्ध अवस्था में खड़े कुछ युवक दिखाई दिए, जो पुलिस को देखकर भागने की कोशिश करने लगे। घेराबन्दी कर सभी को पकड़ लिया गया। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम चन्दन सिंह निवासी सीपरी बा़जार, राजू निवासी शेरुनखुर्द जखौरा (ललितपुर), लालू जोशी निवासी कोटेश्वर (ग्वालियर), हीरालाल निवासी चण्डी माता मन्दिर के पास नई बस्ती झाँसी, दयाल निवासी भसगवाँ थाना राठ (हमीरपुर) बताया। इनके पास से सोने-चाँदी के आभूषण, चोरी के कई मोबाइल फोन व ऩकदी बरामद की गई। मामले की जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक रेलवे सतेन्द्र कुमार ने बताया कि नन्दनपुरा थाना सीपरी बा़जार निवासी मनोज कोरी भी पुलिस के हत्थे चढ़ा है। मनोज हिस्ट्रीशीटर है और कई थानों में इसके विरुद्ध मुकदमे चल रहे हैं। आरोपियों को जेल भेज दिया गया।

भूख हड़ताल की चेतावनी

झाँसी : बुन्देलखण्ड किसान मोर्चा की बैठक महेन्द्र शर्मा की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सैनिक छावनी से विस्थापित किसानों के पुनर्वास को लेकर अब तक कोई कार्यवाही न होने पर नारा़जगी जताई गई। बैठक में 27 जून को ़िजला मुख्यालय पर एक दिवसीय भूख हड़ताल का निर्णय लिया।

देश के लिए काला दिन था 25 जून

झाँसी : लोकतन्त्र सेनानी कल्याण परिषद की विचार गोष्ठी नरोत्तम स्वामी की अध्यक्षता में हुई। गोष्ठी में 25 जून 1975 को देश में घोषित किए गए आपातकाल और उससे बने हालातों पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने आपातकाल के विरोध में जय प्रकाश नारायण के आन्दोलन पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर डॉ. धन्नूलाल गौतम, गिरीशचन्द्र सक्सेना, बाँके बिहारी श्रीवास्तव, निरंकार नाथ पाण्डेय, काशीराम कुशवाहा, जगदीश राणा, रामसेवक अड़जरिया, त्रिभुवन नाथ त्रिवेदी आदि ने विचार व्यक्त किए।


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