ये तो आप कर ही सकते हैं..
झाँसी : डी़जल-पेट्रोल का असर आपकी जेब पर भी पड़ता है। इसके पीछे कारण है हमारी आदत जो अब लापरवाही में
झाँसी : डी़जल-पेट्रोल का असर आपकी जेब पर भी पड़ता है। इसके पीछे कारण है हमारी आदत जो अब लापरवाही में बदल चुकी है। जी हाँ, हम जाने-अनजाने ़जरूरत से अधिक पेट्रोल खर्च करके अपनी ही जेब पर दबाव डालते हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसे छोटे-छोटे से उपाय, जो ईधन बचाने में कारगर होंगे। अगर आप कार या अन्य कोई वाहन चलाते हैं, तो इन बातों को अवश्य ध्यान में रखें और दूसरों को भी बताएं।
0 कार की ईधन खपत प्रणाली पर कार का व़जन सीधा असर डालता है। जी हाँ, कार में जितना अधिक व़जन होगा, रफ्तार पकड़ने में उतना ही अधिक ईधन खर्च होगा। ऐसे में कोशिश करें कि व्यर्थ का सामान कार से निकाल दें।
0 कार में ईधन खपत उसके पहियों पर भी निर्भर करता है। कुछ लोग मॉडिफाइड कार के शौ़कीन होते हैं इसलिये कार के ऑरिजनल पहिये निकलवा कर मोटे पहिये लगवा लेते हैं। ऐसा कतई न करें। मोटे पहिये इंजन पर अधिक शक्ति देने का व़जन बनाते हैं। इस कारण इंजन को चलने के लिये अधिक ईधन की आवश्यकता होती है।
0 कोशिश करें घर में या घर के बाहर ऐसी जगह कार पार्क करें, जहाँ आपको बार-बार रिवर्स गियर न डालना पड़े। इसका कारण यह है कि जब इंजन ठण्डा होता है तब ईधन अधिक खपत होता है और ऐसे में रिवर्स गियर डालने पर यह मात्रा और भी बढ़ जाती है।
0 जब आप सड़क पर होते हैं और सामने सिग्नल लाल है, तो दो या चार-पहिया वाहन का इंजन बन्द करना न भूलें। यदि आपको 20-30 सेकेण्ड्स से अधिक देर तक रुकना हो तो इंजन ऑफ ही कर दें, इससे आप काफी ईधन बचाएंगे।
0 कार चलाते समय गियर का प्रयोग सावधानीपूर्वक करें। बार-बार गियर न बदलें। अधिक स्पीड पर गियर बढ़ाएं और कम पर घटा दें। इससे आप काफी ईधन बचाएंगे।
0 एक्सलेटर वह यन्त्र होता है, जिसका सीधा जुड़ाव इंजन और ईधन टैंक से होता है। जब कार को पहले गियर में आगे बढ़ायें तो धीरे से एक्सलेटर छोड़ें। स्पीड पाने के लिये तेजी से एक्सलेटर का प्रयोग ईधन खपत को बढ़ाता है।
0 कार या अन्य वाहन चलाते समय स्पीड का ध्यान रखें - 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघण्टा की रफ्तार से आपकी गाड़ी का माइलेज दुरुस्त रहेगा।
0 गाड़ी की समय-समय पर सर्विस कराते रहें और एयर फिल्टर साफ कराना ना भूलें।
0 एक ही स्थान पर जाने के लिये कार पूल करें।
समरी पैरा
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शिखा पोरवाल (झाँसी) : बिगड़ती सेहत - प्रकृति पर मँडराता संकट - सड़कों पर दौड़ते वाहनों का रेला - दुर्घटनाओं का बढ़ता ग्राफ - पार्किंग की दिक्कत और इस आपाधापी में दूर होती साइकिल की सवारी। स्टेटस सिम्बल बन चुकी दो या चार-पहिया वाहनों का बढ़ता प्रयोग प्रकृति ही नहीं हमारे स्वास्थ्य को भी संकट में डाल रहा है। समस्या का कारण हम हैं, तो समाधान भी हमें ही निकालना होगा। इस दिशा में दैनिक जागरण ने शुरू किया है '़कदम-दो-़कदम' अभियान। जागरण को तलाश है ऐसे लोगों की, जो ़िजन्दगी के कुछ पल प्रकृति की सुरक्षा के नाम पर दें। हम ढूँढ कर लाए हैं ऐसे ही लोगों को, जो कार नहीं, साइकिल को शान की सवारी मानते हैं। कर्नल राणा और संजय तिवारी जैसे लोग मिसाल पेश कर रहे हैं। फिर आप क्यों चुप बैठे हैं? आइये हिस्सा बनिये इस अभियान का और दीजिये समाज को नयी ऊर्जा, सोच का नया स्तर और बदलाव की राह। समाज को स्वस्थ बनाने के लिये मिलते हैं 22 नवम्बर को पूर्वाह्न 11 बजे मुक्ताकाशी मंच पर। आप आ रहे हैं ना..