रानी की याद में-रानी के लिये-रानीमय हुआ झाँसी..
मेधाविनी मोहन (झाँसी) : महारानी के जन्मदिन की शाम यादगार रही। रंग-बिरंगी रोशनी से सजे रानी लक्ष्मीबा
मेधाविनी मोहन (झाँसी) : महारानी के जन्मदिन की शाम यादगार रही। रंग-बिरंगी रोशनी से सजे रानी लक्ष्मीबाई पार्क में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिये आयोजित 'दीपांजलि' ने वह भव्यता ग्रहण की, कि अगले दिन तक शहर की ़जुबाँ पर उसके चर्चे रहे। सुबह 'रन फॉर रानी' में रानी के नाम का झण्डा लिये शहर एक साथ रानी के लिये दौड़ा। दोपहर में आरम्भ हुई स्कूली बच्चों की राष्ट्रभक्ति गीत प्रतियोगिता शाम तक उस दिन का महत्व रेखांकित करती रही। शाम को ऑर्केस्ट्रा की धुनों पर चले गीतों के दौर ने उपस्थित सभी लोगों को देशप्रेम के रंग में रंग कर झूमने पर विवश कर दिया। सामूहिक दीपदान हुआ और देर तक होता रहा। आतिशबाजी से आसमाँ दमकता रहा और शहर के सभी प्रमुख स्थल रोशनी से जगमगाते रहे। सबसे अच्छी बात यह कि शहर के गणमान्य व्यक्तियों के अलावा आम जनता ने भी उत्साहित होकर दीपांजलि में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। बड़ी संख्या में लोगों ने रानी के जन्मदिन को दीवाली की तरह मनाया - रोशनी सजाई और घरों व प्रतिष्ठानों के बाहर दो-दो दीप जला कर देश के लिये बलिदान देने वाली रानी को नमन किया। यह एक सामूहिक प्रयास था, जो रंग लाया। हम उन सभी संगठनों, व्यक्तियों और आम जनता के दिल से आभारी हैं, जिन्होंने मिल कर 'दीपांजलि' को सफल बनाया। वैसे तो झाँसी का हर दिन रानी का है, लेकिन उनके जन्मदिन का अब फिर से इन्त़जार है!
फोटो : 20 एसएचवाय 14,15
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गहोई गौरव आभारी है!
दीपांजलि के अन्तर्गत रानी लक्ष्मीबाई पार्क में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की बागडोर गहोई गौरव समिति के हाथ में रही। पार्क में रानी की मूर्ति के पास की सजावट, वहाँ बना शानदार स्टेज और भीड़ का सुनियोजित तरीके से सँभाला जाना समिति का ही प्रयास था। समिति के चार्टर अध्यक्ष मनमोहन गेड़ा कहते हैं- 'हमें अत्यन्त हर्ष है कि इस बार का दीपांजलि कार्यक्रम यादगार बन पाया। यह आम जनता के सहयोग और समर्थन के बिना सम्भव नहीं था। हम झाँसीवासियों के आभारी हैं, जिन्होंने दीपांजलि में शामिल होकर इसे सफल बनाया।' अध्यक्ष रवीन्द्र रूसिया ने भी सभी सहयोगियों और आम जनता का तहे दिल से आभार व्यक्त किया।
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फोटो : 20 एसएचवाय 17, 19
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रंग भर दिये राई नृत्य ने
रानी का जन्मोत्सव बड़ा शानदार चल रहा था और शाम को होने वाले राई नृत्य की प्रस्तुति ने कार्यक्रम में नये रंग भर दिये। पार्क में बुन्देलखण्डी लोकनृत्य की प्रस्तुति देने वाले शाकुन्तलम् लोक कला संस्थान की उपलब्धियाँ बुन्देलखण्ड के लिये बहुत गौरवशाली है। यह संस्था 15 वर्ष पहले रजिस्टर्ड हुई थी और भारत सरकार सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार सूचना विभाग, उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग द्वारा इसे प्रथम श्रेणी का प्रमाण-पत्र प्राप्त है। 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में इसके द्वारा विशिष्ट सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया था, जिसमें बुन्देलखण्ड के लोक नृत्यों राई, मौनिया, चाचर, ढिमराई की समाहित प्रस्तुति दी गई थी। संस्थान विभिन्न अखिल भारतीय कार्यक्रमों में प्रस्तुति दे चुका है और कई स्वर्ण पदक भी प्राप्त कर चुका है। उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना विभाग द्वारा बनवाये गये इस वर्ष के कैलेण्डर में भी संस्थान की प्रस्तुति के चित्र सम्मिलित हैं। देश के कई प्रान्तों में संस्थान द्वारा बुन्देलखण्डी लोक नृत्यों की प्रस्तुति दी जा चुकी है। अध्यक्ष जेके शर्मा का मानना है कि लोक नृत्य विलुप्त होते जा रहे हैं और अपनी जड़ों को जीवित रखने के लिये आवश्यक है कि हमारी लोक परम्परायें, नृत्य, गीत, संगीत चलन में बने रहें।
आप सबके ज़ज्बे को प्रणाम्!
महारानी को समर्पित यह उत्सव इतना शानदार कभी नहीं बन पाता, अगर आप सबकी भागीदारी नहीं होती। उत्साह की जिस भावना के साथ आप शहरवासी 'दीपांजलि' का हिस्सा बने - सभी को प्रणाम। सबसे अधिक अच्छा तो यह लगा कि अपनी रानी के लिये आप लोगों ने अपने-अपने घरों और प्रतिष्ठानों के मुख्य द्वार पर दो-दो दीप जला कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। बस इसी भावना, इसी ज़ज्बे को बनाये रखने की ़जरूरत है - न सिर्फ एक दिन, बल्कि हमेशा। हम हमेशा रानी के उच्च विचारों, उनकी अदम्य इच्छाशक्ति और दृढ़ व्यक्तित्व से प्रेरणा लेते रहें और उनके आदर्शो को अपने जीवन और व्यवहार में उतारें - यही होगी रानी को सच्ची श्रद्धाजंलि। एक बार फिर आपके सहयोग और प्रयासों के लिये आप सबको 'जागरण' का हार्दिक आभार! हम आशा करते हैं कि हम सभी एक एकजुट प्रयासों से अगली 'दीपांजलि' और भी भव्य, और भी शानदार होगी और एक दिन ऐसा भी आएगा, जब पूरे देश में झाँसी की 'दीपांजलि' की चर्चा होगी। आप सभी का अनन्त आभार!
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'सबका मालिक एक है' की सजावट ने पाया प्रथम स्थान
'दीपांजलि' समारोह के संयोजक संजय पटवारी ने बताया कि दैनिक जागरण द्वारा आयोजित चौराहा सजाओ प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश व्यापार मण्डल, नगर शाखा द्वारा सजाये गये चित्रा चौराहा स्थित 'सबका मालिक एक है' को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। इसके बाद सबसे अच्छी सजावट अहिल्याबाई चौक, निकट जागरण कार्यालय (लॉयन्स क्लब वीरांगना झाँसी) और झलकारी बाई चौराहा, एसपीआइ के सामने (भारत विकास परिषद् रानी झाँसी) की रही, जिन्हें क्रमश: द्वितीय व तृतीय पुरस्कार मिला। परमानन्द चौराहा द्वारा महिला व्यापार मण्डल, इनरव्हील क्लब व आर्ट ऑफ लिविंग, सदर बा़जार स्थित बाटा चौराहा द्वारा छावनी व्यापार मण्डल, किला रोड जेसी यात्री शेड द्वारा जेसीआइ रानीलक्ष्मीबाई और कचहरी गाँधी उद्यान द्वारा जनरल मर्चेण्ट व्यापार संघ को सान्त्वना पुरस्कार मिला। निर्णायक मण्डल में प्रो. एसआर गुप्ता व आनन्द मिश्रा रहे।
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सबकी हाफ कॉलम फोटो
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गणमान्य व्यक्तियों ने किया जनता को उत्साहित
'दीपांजलि' में शामिल होकर कई गणमान्य व्यक्तियों ने समारोह में और गर्मजोशी भर दी। सभी ने अपने-अपने तरीके से जनता में उत्साह का संचार किया-
'झाँसी ने देश को ऐसी बड़ी-बड़ी शख़्िसयत दी हैं कि इसका महत्व अपने-आप बढ़ जाता है। झाँसी की रानी का बलिदान और शौर्य अमर है। अब अपनी बेहतरी हमारे हाथों में हैं। अंग्रेज चले गये, पर अपनी अंग्रेजियत छोड़ गये - हमें इस अंग्रेजियत से मुक्त होकर अपनी गौरवशाली भारतीय परम्पराओं का महत्व समझना होगा।'
सुभाषचन्द्र दुबे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक
'देश का सही विकास तब होगा, जब हम अपने बच्चों को नैतिक शिक्षा देने का महत्व समझेंगे। यह हमारा कर्तव्य है कि अपने बच्चों को देश के महान नेताओं के विषय में बतायें। हमें खुद संस्कारवान बनना होगा और वैसा ही उदाहरण पेश करना होगा, जैसा कि भविष्य में हम अपने बच्चों से चाहते हैं।'
नीना उदैनिया, उप निदेशक (शिक्षा)