बन्द रही गल्ला मण्डी, डीआइजी से मिले व्यापारी
झाँसी : पुलिसिया उत्पीड़न के विरोध में आन्दोलन कर रहे व्यापारियों ने आज भी गल्ला मण्डी के ताले नहीं ख
झाँसी : पुलिसिया उत्पीड़न के विरोध में आन्दोलन कर रहे व्यापारियों ने आज भी गल्ला मण्डी के ताले नहीं खोले। बैठक के बाद व्यापारी पुलिस उप महानिरीक्षक से मिले और व्यापारियों पर दर्ज मु़कदमे वापस लेने की माँग की।
मण्डी विभाग के कर्मचारियों व व्यापारियों के बीच विवाद के बाद पुलिस के रवैये से नाखुश गल्ला मण्डी के व्यापारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। आज भी व्यापारियों ने प्रतिष्ठानों के ताले नहीं खोले। गल्ला मण्डी व्यापार मण्डल के अध्यक्ष उमेश गुप्ता की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें व्यापारियों के उत्पीड़न पर नारा़जगी जताई गई। इसके बाद व्यापारियों के प्रतिनिधि मण्डल ने डीआइजी से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपते हुए व्यापारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने की माँग की। डीआइजी द्वारा आश्वासन दिए जाने के बाद भी व्यापारियों ने आन्दोलन छोड़ने का फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया। अध्यक्ष ने बताया कि शनिवार को 3 बजे बैठक में आन्दोलन को लेकर निर्णय लिया जाएगा। गल्ला मण्डी व्यापारियों की हड़ताल को व्यापारी नेता अशोक जैन, संजय पटवारी, राघव वर्मा, श्रीप्रकाश गुप्ता समेत जनपद के विभिन्न व्यापारी संगठनों ने समर्थन दिया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष महेश चन्द्र राय, हरभजन साहू, प्रमोद अग्रवाल, प्रकाश गोयल, सुरेश चन्द्र अग्रवाल, राजेन्द्र गुप्ता आदि उपस्थित रहे। संजीव कुमार गुप्ता ने संचालन किया।
17 स्कूलों में गायब मिले बच्चे
0 सीडीओ ने रोका 64 लापरवाह शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन
झाँसी : सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन का हाल जानने के लिए सीडीओ के निर्देश पर अचानक की गई जाँच में सच्चाई सामने आ गई। 78 स्कूलों में से 17 ऐसे मिले, जहाँ बच्चों की उपस्थिति 35 प्रतिशत से भी कम मिली। सीडीओ ने इन स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं का वेतन तब तक के लिए रोक दिया है, जब तक बच्चों की संख्या बढ़ नहीं जाती।
सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को लेकर सवाल यूँ ही नहीं उठते रहे हैं। इसका उदाहरण सीडीओ द्वारा कराए गए औचक निरीक्षण में देखने को मिला। गुरुवार की सुबह मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार सिंह को एबीएसए व एबीआरसी के माध्यम से स्कूलों का औचक निरीक्षण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने पठन-पाठन के साथ ही बच्चों की उपस्थिति, प्रत्येक स्कूल में स्टाफ आदि बिन्दुओं पर रिपोर्ट माँगी। बीएसए ने अलग-अलग टीम्स बनाकर जनपद के विभिन्न स्कूल्स की जाँच कराई और रिपोर्ट सीडीओ को सौंपी। सीडीओ ने ऐसे स्कूल्स छाँटे, जहाँ बच्चों की उपस्थिति 35 प्रतिशत से कम रही। इन स्कूल्स में स्टाफ की जाँच की, तो 64 शिक्षक-शिक्षिकाएं पाई गई। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाओं के होने के बावजूद बच्चों की उपस्थिति निराशाजनक मिलने पर सीडीओ ने सभी का वेतन रोकने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि अब वेतन तभी मिलेगा, जब स्कूल में बच्चों की संख्या में सुधार हो जाएगा।
यह स्कूल आए कार्यवाही
बेसिक शिक्षा विभाग की टीम्स द्वारा जाँच के बाद सीडीओ ने प्राथमिक विद्यालय लखावती, मड़ा, सुल्तानपुरा, छिनौरा प्रथम, छिनौरा द्वितीय, सुकुवाँ, परसर, आलमपुरा, उड़ैना, प्राथमिक विद्यालय कन्या डीसी, उच्च प्राथमिक विद्यालय बघौरा, पूर्व माध्यमिक विद्यालय डंगरियारूंद, बचावली, श्रंगार, कन्या प्राथमिक विद्यालय तेंदोल आदि स्कूल्स पर कार्यवाही की।