3 और किसानों ने सदमे से तोड़ा दम, एक ने की खुदकुशी
मऊरानीपुर : रामप्रकाश व हल्केराम (फाइल फोटो)। अस्पताल में किसान के शव के पास जमा परिजन व ग्रामीण।
मऊरानीपुर : रामप्रकाश व हल्केराम (फाइल फोटो)। अस्पताल में किसान के शव के पास जमा परिजन व ग्रामीण।
मऊरानीपुर (झाँसी) : बेमौसम बारिश किसानों की बर्बादी की कहानी लिख गई। बर्बाद ़फसल, कम पैदावार, भरण-पोषण और क़र्ज अदायगी की फिक्र में डूबा किसान उबर नहीं पाया है। बुखारा, कोटरा, स्यावरी में 3 और किसानों की सदमे ने जान ले ली, जबकि मोंठ के कुम्हरिया में किसान फाँसी से झूल गया।
बुखारा निवासी किसान रामप्रकाश कौशिक (35) पुत्र चन्द्रभान के पास लगभग 10 बीघा खेती है। ़फसल बर्बाद हो चुकी है। परिजनों के मुताबिक वह आज खेत पर ही गुमशुम-सा बैठ गया और कुछ देर बाद वहीं गिर पड़ा। उसे अस्पताल लाया गया, जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करा दिया। किसान की दो बच्चियाँ हैं।
दूसरे मामले में कोटरा निवासी किसान नृपत पाल (65) पुत्र कड़ोरे पाल की मौत भी सदमे से हुई है। थ्रेसिंग के समय बेहद कम उपज देख किसान सदमे में आ गया। परिजन कुछ समझ पाते, उसकी मौत हो चुकी थी। किसान को इस वर्ष अपनी नातिन की शादी भी करनी थी। वहीं, ग्राम पृथ्वीपुर के मौजा स्यावरी निवासी हल्केराम पुत्र बाबूलाल भदौरिया के पास मात्र ढाई बीघा ़जमीन थी। ़फसल नष्ट होने पर पहुँचे सदमे में उसकी भी जान चली गई।
मोंठ : ग्राम कुम्हरिया में दिनेश कुमार अहिरवार (38) पुत्र मातादीन ने आज कमरे में पंखे के कुन्दे से फाँसी लगा ली। सूचना मिलने पर पहुँची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। परिजनों के मुताबिक बारिश और ओलावृष्टि में ़फसल चौपट होने पर दिनेश चिन्ता में डूबा रहता था।
बीच में बॉक्स
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द़र्जन भर किसानों की मौत, 2 के पीएम
मऊरानीपुर : उप ़िजलाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि किसानों की सदमे में हो रही मौतों के प्रकरणों की जाँच करायी जायेगी। उनके पास एक द़र्जन किसानों की मौत होने की सूचना है। दो किसानों के ही पोस्टमॉर्टम हुए हैं। रिपोर्ट आने के बाद मौत का कारण स्पष्ट हो सकेगा।