बबीना नहर : 600 किसानों की ़जमीन अधिगृहीत होगी
झाँसी : बबीना विकास खण्ड के 15 गाँवों की ़जमीन सींचने के लिए बनाई जाने वाली नहर से यदि 3 ह़जार परिवा
झाँसी : बबीना विकास खण्ड के 15 गाँवों की ़जमीन सींचने के लिए बनाई जाने वाली नहर से यदि 3 ह़जार परिवार लाभान्वित होंगे, तो 600 किसानों को इसके लिए अपनी ़जमीन भी देनी होगी। सिंचाई विभाग ने ़जमीन का आकलन करते हुए मुआवजे का ख़्ाका लगभग खींच लिया है।
बुन्देलखण्ड विकास पैकेज से बबीना के 15 ग्रामों में सिंचाई के लिए पानी पहुँचाने का इन्त़जाम होने जा रहा है। सिंचाई निर्माण मण्डल ने माताटीला बाँध से नहर के जरिए इन गाँवों तक पानी लाने की योजना बनाई है। सिंचाई विभाग ने पहले 1 अरब 87 करोड़ रुपए से योजना में माताटीला बाँध से 27.50 किलोमीटर लम्बी मुख्य नहर बनाने का निर्णय लिया था, लेकिन पानी की उपलब्धता को लेकर इसमें परेशानियाँ आ रहीं थीं। इसे देखते हुए सिंचाई विभाग ने माताटीला बाँध के स्थान पर अब सुकवाँ-ढुकवाँ बाँध से पानी लेने की योजना बनाई है। इससे लगभग 8 किलोमीटर नहर छोटी हो जाएगी। दरअसल, माताटीला से नहर का निर्माण कराए जाने पर रास्ते में बेतवा नदी आ रही थी। नदी को पार करने के लिए विभाग ने पाइप डालने का निर्णय लिया था। अब नहर ढुकवाँ बाँध से बनाई जा रही है, इसलिए पाइप लाइन नहीं डाली जाएगी। प्रोजेक्ट में जो परिवर्तन हुआ है, उसमें ढुकवाँ बाँध पर पम्प हाऊस बनाया जाना भी शामिल किया गया है। नहर की लम्बाई कम होने से नया ऐस्टिमेट भी 1 अरब 78 करोड़ पर पहुँच गया है तथा रूट में भी परिवर्तन हो गया है। सिंचाई विभाग ने नहर के नए रूट पर प्रभावित होने वाले काश्तकारों का ख़्ाका तैयार कर लिया है। यह नहर लगभग 600 काश्तकारों की भूमि से होकर निकलेगी। विभाग ने इन किसानों की लगभग 150 हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर ली है। ़जमीन अधिग्रहण से पहले सिंचाई विभाग ने खुली बैठक कर किसानों को परियोजना की जानकारी देने के साथ ही उन्हें दिए जाने वाले मुआवजे से अवगत करा दिया गया है। अधिशासी अभियन्ता अविनाश मिश्रा ने बताया कि 80 प्रतिशत किसानों की स्वीकृति प्राप्त हो गई है। शेष किसानों से भी ़जमीन की सहमति ले ली जाएगी।
3 ह़जार परिवारों को मिलेगा लाभ
बबीना ब्लॉक के 15 गाँवों तक पानी पहुँचाने के लिए बनाई जाने वाली नहर लगभग 3 ह़जार किसानों की भूमि का सूखा मिटा देगी। सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट के अनुसार नहर प्रणाली का निर्माण होने से यहाँ के कृषक रबी व ख़्ारी़फ सी़जन की ़फसलें बो सकेंगे। नहर से रबी के लिए 3200 हेक्टेयर तथा ख़्ारी़फ के लिए 1200 से अधिक हेक्टेयर क्षेत्रफल पर पानी का प्रबन्ध होगा।