कुपोषण से लड़ेंगे 12 और अधिकारी
झाँसी : बच्चों को कुपोषण से छुटकारा दिलाने के लिए अब केवल ़िजलाधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी ही मोर्
झाँसी : बच्चों को कुपोषण से छुटकारा दिलाने के लिए अब केवल ़िजलाधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी ही मोर्चा नहीं खोलेंगे, बल्कि 12 और अधिकारियों को इसकी ़िजम्मेदारी सौंपी गई है। इन सभी ने एक-एक गाँव गोद लिया है। सुधार की शुरूआत चार गाँव से होगी, पर इसके बाद चयनित 12 गाँवों में भी कुपोषण से निपटने का इन्त़जाम किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने ़िजलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारियों को दो-दो अतिकुपोषित गाँव गोद लेने के निर्देश दिए थे। ़िजला कार्यक्रम विभाग की रिपोर्ट के आधार पर ़िजलाधिकारी अनुराग यादव ने बड़ागाँव ब्लॉक का लक्ष्मीणपुरा व टांकोरी गाँव गोद लिया तो मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार ने मोंठ के भुजौंद तथा चिरगाँव ब्लॉक के बंगरी गाँव से कुपोषण मिटाने का बीड़ा उठाया। यहाँ की कार्ययोजना बनाने के साथ ही अब ़िजलाधिकारी ने 12 अन्य अधिकारियों को भी इस अभियान से जोड़ दिया है। डीएम के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने बबीना ब्लॉक के सैंयर, परियोजना निदेशक डीआरडीए ने चिरगाँव के गुलारा, ़िजला पूर्ति अधिकारी ने गुरसरायं के खड़ौरा, बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बबीना का खैलार, ़िजला विद्यालय निरीक्षक ने बामौर, ़िजला पंचायत राज अधिकारी ने मऊरानीपुर का देवरीघाट, ़िजला समाज कल्याण अधिकारी ने गुरसरायं का माधवपुर, ़िजला विकलांग कल्याण अधिकारी ने बंगरा का सन्तपुरा, ़िजला प्रोबेशन अधिकारी ने मोंठ का भरोसा, ़िजला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने बामौर का अड़जार, ़िजला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने मऊरानीपुर का रूपाधमना तथा अधिशासी अभियन्ता जल निगम ने बंगरा का भकौरो गाँव गोद लिया है। कार्यक्रम विभाग के सर्वे के अनुसार इन सभी गाँवों में कुपोषित बच्चों की संख्या अन्य क्षेत्रों से अधिक है।
चकाचक होंगे आँगनबाड़ी केन्द्र
कुपोषण से जूझ रहे गाँवों को गोद लेने के बाद अब ़िजलाधिकारी ने कार्ययोजना बनाना प्रारम्भ कर दिया है। उन्होंने स्वास्थ, ग्राम्य विकास, बाल विकास एवं महिला कल्याण तथा शिक्षा विभाग को समन्वय बनाते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। आशा बहुओं से एक सप्ताह में गर्भवती महिलाओं, 2 वर्ष की उम्र तक के बच्चों की पूरी सूचना तलब की है। सीडीओ संजय कुमार ने बताया कि शुरूआत में चार गाँवों की कार्ययोजना बनाई जा रही है। यहाँ आँगनबाड़ी केन्द्रों को चकाचक किया जाएगा। प्रत्येक गाँव में व़जन लेने की दो मशीने होंगी। गर्भवती महिलाओं का नियमित टीकाकरण तथा हीमोग्लोबिन की जाँच कराई जाएगी।
मध्य प्रदेश जा रही खाद
झाँसी : सीमा से सटे गाँवों में खाद की बिक्री में अचानक बढ़ोत्तरी होने से सहकारिता विभाग चौकन्ना हो गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के किसान भी जनपद के गाँवों से खाद ख़्ारीद रहे हैं। इससे खाद की कमी का डर सताने लगा है। इसे देखते हुए समिति सचिवों को बिना खतौनी के खाद न देने की सख्त हिदायत दी गई है।
जनपद में डिमाण्ड के अनुरूप खाद की उपलब्धता पहले से ही सुनिश्चित कर दी गई है। सहकारी समितियों पर भी पर्याप्त खाद उपलब्ध है। वैसे तो अभी खाद की कमी की कोई शिकायत सामने नहीं आई है, लेकिन आने वाले दिनों में यह स्थिति बनी रहे, ऐसा कहना मुश्किल हो गया है। दरअसल, जनपद के कई गाँवों की सीमा मध्य प्रदेश से सटी है। वहाँ रहने वाले लोगों का आना-जाना जनपद के गाँवों से होता है। ऐसा देखने में आया है कि सीमा से सटे गाँव में खाद की बिक्री में अचानक तेजी आ गई है। सहकारिता विभाग का अनुमान है कि मध्य प्रदेश के लोग भी समितियों से खाद की ख़्ारीद कर रहे हैं। चूंकि अब तक नगद खाद की बिक्री में किसान से कोई अभिलेख नहीं माँगे जाते हैं, इसलिए मप्र के किसानों को चिह्नित करना मुश्किल हो रहा है। इसे देखते हुए एआर को-ऑपरेटिव एसआर यादव ने समिति सचिवों को निर्देश दिए हैं कि खाद ख़्ारीदने वाले की खतौनी व जोतबही का नम्बर अंकित किया जाए। इससे मध्य प्रदेश के किसान चिह्नित हो जाएंगे। उन्होंने समिति क्षेत्र के किसानों को प्राथमिकता से खाद उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए हैं।