ख़्ाकी के फेर में उलझा ट्रेन से फेंकने का मामला
- आरपीएफ के मुताबिक सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस में नहीं चलता आरपीएफ स्क्वॉड - जीआरपी बोली-तहरीर के
- आरपीएफ के मुताबिक सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस में नहीं चलता आरपीएफ स्क्वॉड
- जीआरपी बोली-तहरीर के आधार पर लिखा है मु़कदमा
झाँसी : गत दिवस ट्रेन में सिपाहियों द्वारा युवक के साथ की गई मारपीट व ट्रेन से फेंकने के मामले की जाँच ख़्ाकी के फेर में उलझ रही है। इतना तो स्पष्ट हो गया है कि इस घटना में वर्दीधारी शामिल हैं पर वर्दीधारी आरपीएफ के हैं, जीआरपी के या राज्य पुलिस के, यह पहेली बनी हुई है। मामले के तूल पकड़ते ही आरपीएफ व जीआरपी अपने-अपने पक्ष में तर्क देकर खुद को मामले से अलग करने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि कानपुर के गंगागंज निवासी ओमनारायण यादव ने जीआरपी को तहरीर देकर बताया था कि गत दिवस वह अपने भाई जयनारायण के साथ ट्रेन संख्या 12649 यशवन्तपुर-ह़जरत नि़जामुद्दीन (कर्नाटक सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस) के आरक्षित कोच में सामान्य टिकिट पर यात्रा कर रहा था। ट्रेन में मौजूद आरपीएफ सिपाहियों ने उससे रुपए की माँग की। इन्कार करने पर उसके साथ मारपीट की व धक्का देकर ट्रेन से नीचे गिरा दिया। उसे बचाने के लिए उसका भाई भी ट्रेन से कूदा, जिससे वह भी घायल हुआ। घायलों को देखने मेडिकल कॉलिज पहुँचे एसपी रेलवे रामबोध के आदेश पर जीआरपी ने अज्ञात आरपीएफ सिपाहियों के विरुद्ध मु़कदमा पंजीकृत कर लिया। आज आरपीएफ अधिकारियों ने लग रहे आरोपों का जवाब देते हुए साफ किया कि किसी भी सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस में आरपीएफ स्क्वॉड नहीं चलता। सिपाही राज्य के हो सकते हैं पर आरपीएफ के नहीं। जीआरपी खुद का बचाव करते हुए कह रही है कि मु़कदमा घायल द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर द़र्ज किया गया है। तहरीर में साफ तौर पर आरपीएफ का जिक्र किया गया है। घायल ने बयान में भी यही बात कही है। मामले की प्रारम्भिक जाँच में जो तथ्य सामने आ रहे हैं, वो और भी उलझा रहे हैं। कर्नाटक सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस भोपाल से झाँसी के बीच किसी स्टेशन पर नहीं रुकती। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि ट्रेन में मौजूद सिपाही या तो भोपाल या कहीं उससे पहले से सवार हुए थे। इसलिए जाँच में भोपाल जीआरपी व आरपीएफ की मदद ली जा रही है। सीसी कैमरों की मदद से यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि क्या सिपाही वहीं से ट्रेन में चढे़? यदि हाँ, तो उनकी पहचान हो सके। इसके अलावा जाँच में ट्रेन टीटीई की भी अहम भूमिका होगी। इसके लिए वाणिज्य विभाग से अनुमति ले ली गई है। आरपीएफ कमाण्डेण्ट राजीव यादव ने एसपी रेलवे रामबोध से हुई बातचीत में इस मामले की जाँच में पूरा सहयोग करने का भरोसा दिया है। अधिकारी इस बात से भी इन्कार नहीं कर रहे कि ट्रेन में उप्र या मप्र सिविल पुलिस के सिपाही भी हो सकते हैं। पूरा सच क्या है, यह तो जाँच के बाद ही सामने आयेगा।
पश्चिमी रेलवे क्षेत्र में खुले साइकिल स्टैण्ड
झाँसी : उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के एक प्रतिनिधि मण्डल ने मण्डल अध्यक्ष एसयू खान के नेतृत्व में विभिन्न माँगों को लेकर मण्डल रेल प्रबन्धक को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पश्चिमी रेलवे क्षेत्र में साइकिल स्टैण्ड खुलवाने, पुलिया नम्बर 9 के अण्डर ब्रिज में पानी भरने की समस्या का स्थाई समाधान कराने, रेलवे कॉलनि की सड़क ठीक कराने, न्यू पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने आदि की माँग की गई। ज्ञापन देने वालों में गुरूचरण सिंह, आरएस त्रिपाठी, राजाराम विश्वकर्मा, आलोक अग्रवाल, करतार सिंह, शत्रुघन सिंह आदि शामिल रहे।