तीसरी भुजा : रेलवे इंजीनियर्स ने शुरू किया सर्वे
सम्भावना तलाशने का काम शुरू, सम्भव हुआ तो रेलवे दिखायेगा हरी झण्डी - जन प्रतिनिधियों के सामने आते
सम्भावना तलाशने का काम शुरू, सम्भव हुआ तो रेलवे दिखायेगा हरी झण्डी
- जन प्रतिनिधियों के सामने आते ही दिखने लगा असर
- लोकतन्त्र सेनानी कल्याण परिषद ने डीआरएम को सुझाया एक और विकल्प
झाँसी : सीपरी ओवरब्रिज की तीसरी भुजा नगरा में उतारे जाने को लेकर रेलवे ने पहल शुरू कर दी है। आदेश मिलते ही रेलवे इंजीनियर्स ने इसके लिए सर्वे शुरू कर दिया है। टेक्निकल फी़जबिलिटि रिपोर्ट पर अब इस भुजा का भविष्य टिक गया है। यदि यह रिपोर्ट पॉजिटिव रही, तो रेलवे एनओसी देने में देरी नहीं लगायेगा। इसके अलावा इसी सम्बन्ध में मण्डल रेल प्रबन्धक को ज्ञापन देने पहुँची एक समिति ने एक और विकल्प रेलवे को सुझाया है। डीआरएम ने भरोसा दिलाया है कि इस विकल्प पर भी विचार किया जाएगा।
नगरा में तीसरी भुजा उतारे बगैर तैयार हो रहे सीपरी ओवरब्रिज की सार्थकता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। नगरा के लिए लाइफलाइन मानी जा रही इस भुजा के समर्थन में जैसे ही जनप्रतिनिधि सामने आये, असर दिखने लगा। गत दिवस सेतु निगम अधिकारियों के निरीक्षण के बाद मण्डल रेल प्रबन्धक नवीन चोपड़ा ने मण्डल अभियन्ता को इसके लिए सर्वे करने के निर्देश दिये। रेलवे इंजीनियर्स की टीम यह टटोलने की कोशिश कर रही है कि मालगोदाम के सामने की ़जमीन के अलावा किस स्थान पर यह भुजा उतर सकती है। रेलवे प्रशासन ने यह सा़फ कर दिया है कि इस मामले में हवाहवाई काम नहीं किया जाएगा। सर्वे के बाद टेक्निकल फी़जबिलिटि रिपोर्ट तस्वीर सा़फ कर देगी। यदि रिपोर्ट ओके है, तो रेलवे सेतु निगम के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर इस बात से अवगत करायेगा व सेतु निगम के इंजीनियर्स को सर्वे के लिए आमन्त्रित करेगा। रेलवे प्रशासन ने साफ कहा है कि वे तीसरी भुजा में रोड़ा नहीं बनेंगे, बात तकनीकी सम्भावना की है।
इसके अलावा आज लोकतन्त्र सेनानी कल्याण परिषद सदस्यों ने डीआरएम को ज्ञापन सौंपकर तीसरी भुजा की सम्भावना न होने की सूरत में एक अलग से विकल्प सुझाया है। ज्ञापन में बताया गया कि रेलवे वर्कशॉप से आने वाले सीधे रास्ते को केन्द्रीय विद्यालय नम्बर 3 के बगल से सीधा शिवपुरी रोड से पुलिया द्वारा जोड़ दिया जाए, तो भी नगरा की जनता की समस्या हल हो जाएगी। लगभग 1.5 किलोमीटर के इस निर्माण कार्य में 3 करोड़ रुपए का ही ख़्ार्च आएगा। परिषद द्वारा इस प्लैन सम्बन्धी मैप डीआरएम को सौंपा गया। ज्ञापन देने वालों में त्रिभुवन नाथ त्रिवेदी, निरंकार नाथ पाण्डेय, नरोत्तम स्वामी, ओमप्रकाश शर्मा, जगदीश प्रसाद आदि शामिल रहे। परिषद सदस्यों को डीआरएम ने सर्वे उपरान्त इस प्लैन पर विचार करने का भरोसा दिलाया।