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विशेषज्ञ करेंगे पर्यटकों को थामने पर मन्थन

By Edited By: Published: Thu, 25 Sep 2014 02:02 AM (IST)Updated: Thu, 25 Sep 2014 02:02 AM (IST)
विशेषज्ञ करेंगे पर्यटकों को थामने पर मन्थन

झाँसी : पर्यटक स्थलों की ओर लोगों को आकर्षित करने के लिए इस बार विश्व पर्यटन दिवस पर कई आयोजन करने का निर्णय लिया गया है। सबसे अहम होगी सेमिनार, जिसमें होटल मालिक, ट्रैवल एजेन्सी संचालक व विशेषज्ञ भाग लेकर झाँसी में पर्यटन विकास का ख़्ाका खीचेंगे।

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विकास भवन सभागार में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि 27 सितम्बर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाएगा। कार्यक्रम का शुभारम्भ राजकीय संग्रहालय में आयोजित फोटोग्राफी प्रदर्शनी से होगा। उद्घाटन मुख्य अतिथि मण्डलायुक्त बीबी सिंह करेंगे। यहाँ प्राचीन सिक्कों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इसके पश्चात सेमिनार होगा, जिसमें पूर्व संयुक्त निदेशक (पर्यटन) आर. प्रसाद, विभागाध्याक्ष बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय डॉ. अपर्णा राय, प्रो. सुनील काबिया, ओरछा रिसॉर्ट के जनरल मैनेजर अनूप खुल्लर, प्रमोद अरोड़ा के साथ ही राहुल मिश्रा, डॉ. बशीर खान, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एसके दुबे व्याख्यान देंगे। सेमिनार में झाँसी में पर्यटकों को रोकने के लिए किए जाने वाले उपायों पर मन्थन किया जाएगा। 28 सितम्बर को ऑन द स्पॉट पेण्टिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। प्रतियोगिता दो आयु वर्ग में होगी। 8 से 14 व 15 से 25 आयु वर्ग के लोग इसमें शामिल हो सकते हैं। इसका उद्देश्य बच्चों को ऐतिहासिक स्थल, स्मारकों के बारे में ज्ञान अर्जित कराना है। इसके अलावा रुद्राक्ष डान्स अकैडमी द्वारा बुन्देली संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय अविनाश पाण्डेय होंगे। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूल प्रतिभाग करेंगे। सीडीओ ने बताया कि झाँसी पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, लेकिन विडम्बना है कि पर्यटकों को आकर्षित करने में कामयाबी नहीं मिल पा रही है। इस दिशा में कार्य प्रारम्भ किया गया है। बरुआसागर किला, जराय का मठ, लक्ष्मी मन्दिर, गढ़मऊ झील पर पर्यटन विकास की तैयारी कर ली गई है, जबकि लक्ष्मी तालाब के लिए योजना स्वीकृति हेतु दिल्ली में लम्बित है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन होने पर पर्यटकों के लिए स्पॉट विकसित होंगे, जिससे सैलानियों की संख्या बढ़ेगी। इस अवसर पर क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी एसके दुबे, वीथिका सहायक राजकीय संग्रहालय डॉ. उमा पाराशर, पत्रकार मोहन नेपाली, डॉ. नीति शास्त्री आदि उपस्थित रहे।


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