चेक बाउन्स होने पर अभियुक्त को 1 साल की स़जा
0 कोर्ट ने परिवादी को सवा लाख रुपये देने दिया आदेश
झाँसी : चेक बाउन्स होने का आरोप प्रमाणित होने पर मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट राजेश चौधरी ने धारा 138 में अभियुक्त को 1 वर्ष के साधारण कारावास की स़जा सुनायी तथा डेढ़ लाख रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त को 4 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन अधिकारी राजपाल कैथल के अनुसार कोतवाली क्षेत्र के गणेश बाजार निवासी डॉ. उदय कुमार जैन व आरोपी कोछाभाँवर मनीराम साहू के बीच अच्छे सम्बन्ध थे। 10 जुलाई 2007 को विपक्षी ने अपनी व्यक्तिगत आवश्यकता के लिए डॉक्टर उदय जैन से 50 ह़जार रुपये उधार माँगे, जिस पर उन्होंने चेक द्वारा 50 ह़जार रुपये दे दिये। इसके बाद 1 नवम्बर 2007 को मनीराम ने डॉ. जैन से 20 ह़जार रुपये कर्ज माँगा, जिसे उन्होंने चेक के माध्यम से दिया। 7 जुलाई 2008 को मनीराम ने फिर डॉ. जैन से 30 ह़जार रुपये उधार माँगे। इस पर डॉ. जैन ने कहा कि अभी उसने पिछले रुपये ही नहीं लौटाये, जिस पर विपक्षी ने भारतीय स्टेट बैंक का पोस्ट डेटिड चेक 50 ह़जार रुपये का डॉ. जैन को दिया और दो माह में कैश करा लेने की बात कही। इस चेक को जब बैंक में जमा किया गया, तो वह बाउन्स हो गया। कोर्ट ने इस प्रकरण की सुनवाई की और अभियोजन पक्ष की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य को विश्वसनीय मानते हुए अभियुक्त मनीराम को उक्त स़जा से दण्डित किया।
अपहरण के जुर्म में 3 अभियुक्तों को उम्ऱकैद
- 5-5 ह़जार रुपये जुर्माना भी
झाँसी : गाँव में ही खाना खाने गये एक युवक के अपहरण के मामले में ़जुर्म साबित होने पर अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम) सतीश कुमार ने 3 अभियुक्तों को धारा 364 में सश्रम आजीवन कारावास की स़जा सुनायी। साथ ही प्रत्येक पर 5-5 हजार रुपये जुर्माना भी किया। जुर्माना अदा न करने पर अभियुक्तों को 6-6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) श्याम यादव के अनुसार मोंठ थाना क्षेत्र के खिरियाघाट निवासी जगदीश प्रसाद ने पुलिस को सूचना देते हुए बताया था कि उसका भाई पर्वत पुत्र नन्दू कुशवाहा 1 अप्रैल 2004 को रात 8 बजे अपने घर से गाँव में रहने वाले बहोरन के घर खाना खाने की कहकर गया था। वहाँ से काफी देर तक वापस नहीं लौटा, तो परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन पता नहीं चल सका। इसके बाद परिजनों पुलिस को सूचना दी, जिस पर गुमशुदगी का मामला द़र्ज कर लिया गया। इसके बाद अपहृत का पता न चलने पर पुलिस ने मामला अपहरण में तरमीम कर लिया था। पुलिस ने विवेचना के उपरान्त आरोपी खिरियाघाट निवासी बहोरन, सोबरन व अच्छेलाल के ख़्िाला़फ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत किये गये, जिन्हें न्यायालय ने विश्वसनीय मानते हुए अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए उक्त स़जा से दण्डित किया गया।
अधिवक्ता के हमलावर की जमानत ख़्ारिज
झाँसी : अधिवक्ता के हमलावर ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। एसीजेएम द्वितीय कक्ष संख्या 7 ने जमानत प्रार्थना पत्र को ख़्ारिज कर आरोपी नासिर को जेल भेजने का आदेश दिया। अभियोजन पक्ष के अनुसार अधिवक्ता साजिद अली पर 3 सितम्बर 2013 को रात में 9.30 बजे घर में घुसकर आरोपी नासिर, आमिर व एक अन्य साथी आसिफ ने गाली गलौज करते हुए मारपीट कर दी थी। साजिद अली की तहरीर पर पुलिस ने आरोपियों के ख़्िाला़फ मु़कदमा द़र्ज कर लिया था।