ओरछा गेट बाहर बवाल होने से बचा
झाँसी : चाहे दुकानदार हो या फिर राहगीर- कोई नहीं चाहता है कि सड़क पर अतिक्रमण हो। इससे ग्राहकों को सामान ख़्ारीदने में दिक्कत होती है, तो दुकानदारों के पास ग्राहक नहीं आते हैं। लेकिन एक दुकानदार के आगे बढ़ने पर दूसरे को उसकी देखा-देखी आगे बढ़ना म़जबूरी हो जाती है। प्रतिस्पर्धा की इस लड़ाई ने शहर की सड़कों को जकड़ लिया है। आज अतिक्रमण हटाने पहुँची टीम का स्वागत तो सभी ने किया, लेकिन जब भेदभाव हुआ, तो विरोध शुरू हो गया। स्थिति बवाल की बन गयी।
तहसील दिवस पर आने वाले शिकायतों के निस्तारण के लिए नगर निगम का अमला आज ओरछा गेट बाहर पहुँचा। यहाँ के एक दुकानदार ने कई बार शिकायत की थी। कुछ दुकानदारों ने दुकानें आगे बढ़ा ली है, जिसकी वजह से नाली पूरी तरह से ढक गयी है। इस कारण नालियों की स़फाई नहीं हो पाती है। इसको लेकर कुछ दिन पहले नगर निगम के सम्पत्ति अधिकारी डॉ. पुष्पराज गौतम अमले के साथ गए और नाली से अतिक्रमण हटाने की हिदायत देकर वापस आ गए। किसी भी दुकानदार ने अवैध ़कब़्जों को नहीं हटाया। शिकायतकर्ता ने फिर से प्रार्थना-पत्र देकर मौके की स्थिति और सम्पत्ति अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई से आला अधिकारियों को अवगत कराया। इस पर अधिकारियों ने कड़े निर्देश जारी करते हुए अतिक्रमण को हटाए जाने के निर्देश दिए। आज दोपहर में अमला मय जेसीबी मशीन के ओरछा गेट पर पहुँचा और बाहर की ओर जहाँ भी अतिक्रमण ऩजर आया, उसको तोड़ता चला गया। एक समान कार्यवाही जब तक होती रही, लोग शान्त रहे। एक दुकानदार का अतिक्रमण छोड़ने पर लोग भड़क गए। बड़ी संख्या में एकत्र लोगों ने हो-हल्ला शुरू कर दिया। किसी तरह से अमला कार्रवाई करते हुए आगे बढ़ा और शिकायत करने वाले का भी अवैध ़कब़्जा ढहा दिया। इसके बाद अमला कसाई मण्डी से तालपुरा नेहरू पार्क की ओर निकलने वाले मुख्य रास्ते पर गया। यहाँ नाली के ऊपर दो दुकानदारों द्वारा पक्का काउण्टर बनाए जाने की शिकायत थी। अमले ने यहाँ पर तो भेदभाव की हद ही पार कर दी। एक दुकानदार का पक्का काउण्टर तोड़ दिया, तो दूसरे का छोड़ दिया। इससे लोगों में आक्रोश फैल गया। विरोध होता देख अमला आगे बढ़ गया। लोगों ने इस तरफ अधिकारियों का ध्यान भी आकर्षित कराया, लेकिन उन्होंने किसी की एक न सुनी और मकान के आगे नाली पर बने रैम्प को मामूली खरोंचने के बाद आगे बढ़ गया। कुल मिलाकर देखा जाए, तो अमले ने जिस प्रकार आधी-अधूरी और भेदभाव वाली कार्रवाई की, उससे महौल तो बिगड़ना स्वाभाविक था, लेकिन कुछ समझदार लोगों के हस्तक्षेप से मामला शान्त हो गया। इस दौरान सम्पत्ति अधिकारी डॉ. पुष्पराज गौतम, सहायक अभियन्ता रविन्द्र कुमार सिंह, अवर अभियन्ता एमएल त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।