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जागरण इन्फो

By Edited By: Published: Sun, 06 Apr 2014 01:08 AM (IST)Updated: Sun, 06 Apr 2014 01:08 AM (IST)
जागरण इन्फो

लोगो : जागो मतदाता जागो

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21 वर्ष के आवेदक के लिये आपेक्षित नहीं है आयु प्रमाण पत्र

आयु के दस्तावे़जी साक्ष्यों की आवश्यकता केवल उन मामलों में पड़ती है, जहाँ आवेदक की आयु 18-21 वर्ष के बीच हो। अन्य सभी मामलों में आवेदक द्वारा उसकी आयु की घोषणा को ही आयु का साक्ष्य माना जाता है।

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लोगो : जागरण टिप्स

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रेफ्रिजरेटर्स का ख़्ास ख्याल रखें

गर्मी का मौसम आते ही ठण्डक की तलब हर किसी को हो जाती है। उच्च तापमान में शीतल पेय के साथ-साथ खाने योग्य वस्तुओं को सड़ने से बचाने में रेफ्रिजरेटर का विशेष योगदान है। आम भाषा में फ्रिज के नाम से जाना जाने वाला यह घरेलू उपकरण खाद्य पदार्थो को ठण्डा रखने का काम करता है। रेफ्रिजरेटर विद्युत से चलने वाला उपकरण है। सही देखरेख व सावधानी के साथ इसका प्रयोग करके आप इसकी आयु सालों साल बढ़ा सकते हैं।

0 फ्रिज का दरवाजा अधिक देर तक खुला न रहने दें। बाहरी गर्म हवा इसकी कूलिंग को प्रभावित करके कम कर देती है।

0 खाद्य पदार्थो को रेफ्रिजरेटर के अन्दर की दीवार से चिपका कर न रखें। इससे कूलिंग चक्र प्रभावित होता है और अधिक विद्युत खर्च होती है। अधिक देर तक दीवार के पास रखी खाद्य वस्तु के ख़्ाराब होने की सम्भावना भी रहती है।

0 गर्म खाद्य पदार्थो को रेफ्रिजरेटर में न रखें। गर्म पदार्थो से निकलने वाली भाप का कूलिंग गैस के साथ क्रिया होने से कई प्रकार के बैक्टीरिया पनप सकते हैं। बेहतर होगा कि गर्म वस्तुओं को कमरे के तापमान पर ठण्डा करके ही रेफ्रिजरेटर में रखा जाए।

0 रेफ्रिजरेटर में लगी कूलिंग क्वॉइल को समय-समय पर सा़फ करते रहना चाहिये। कूलिंग क्वॉइल पर जमी धूल उसकी कूलिंग को प्रभावित करती है।

0 फ्रीजर में बर्फ की परत जमने पर डीफ्रॉस्ट (फ्रीजर की दीवार पर जमी बर्फ को पिघलाकर हटाना) कर देना चाहिये।

0 फ्रिज को दीवार से उचित दूरी पर रखें। फ्रिज के पीछे की तरफ लगी कूलिंग क्वॉइल से निकलने वाली गर्म हवा दीवार से टकराकर वापस फ्रिज से टकरायेगी और वातावरण को गर्म करेगी। इससे फ्रिज की कूलिंग कम होती है।

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लोगो : बातें विज्ञान की

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इसलिए करते हैं पशु जुगाली

आपने पशुओं को जुगाली करते देखा होगा। ह़जारों वर्ष पहले, जब पशुओं को मानव ने पालतू नहीं बनाया था, ये जंगल में रहते थे। शिकारी पशुओं से बचने के लिये वे समय रहते अपना भोजन मुँह में भर लेते थे और इसे जल्दी-जल्दी गले से नीचे उतार लेते थे और सुरक्षित स्थान पर जाकर पेट से निगले भोजन को दोबारा मुँह में लाकर चबाकर खाते थे। उनका यह स्वभाव आज भी उनमें विद्यमान है। इन जानवरों के पेट की बनावट ऐसी होती है कि निगला हुआ भोजन दोबारा मुँह में आ जाता है। यही कारण है कि पशु समय मिलते ही जुगाली करते रहते हैं।

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आज का इतिहास

0 1606 को मुगल शहजादा खुसरो ने अपने पिता जहाँगीर के ख़्िाला़फ बगावत की थी।

0 1924 को इटली में फासिस्टों ने चुनाव में भारी जीत द़र्ज करायी थी।

0 1942 में जापानी लड़ाकू विमानों ने पहली बार भारतीय क्षेत्र में बमबारी की थी।

0 1966 को भारतीय तैराक मिहिर सेन ने पाक जलडमरू मध्य तैर कर पार किया था।

0 2010 को भारत के तत्कालीन वित्त मन्त्री (वर्तमान में राष्ट्रपति) प्रणव मुखर्जी और भारत दौरे पर आये अमेरिका के तत्कालीन वित्त मन्त्री टिमोथी गेथनर ने आर्थिक साझेदारी के समझौते पर हस्ताक्षर किये।

फाइल : शिखा पोरवाल

समय : 3:00

5 अप्रैल 2014


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