बेमौसम आम के पेड़ में लगा बौर
सिकरारा (जौनपुर): दिसम्बर माह में आम के पेड़ में बौर। उसमें भी अब टिकोरे लगना शुरू हो गया है। है न आश्चर्य की बात। जी हां, अगर आप को यकीन न हो तो आ जाइये क्षेत्र के खानापट्टी गांव। यहां लाल प्रताप सिंह के मकान के सामने आम के पेड़ में बौर पूरी तरह लग गया है।
बेमौसम आम के पेड़ में लगा बौर लोगों के लिए कौतूहल बना हुआ है। उद्यान विभाग के अधिकारी आम के बौर को टिकाऊ नहीं मान रहे हैं वहीं लाल प्रताप सिंह इसे दशहरी किस्म का फल बताते हुए कहते हैं कि इसका स्वाद बहुत ही मीठा है। खास बात यह है कि इसमें रेशा भी नहीं होता। श्री सिंह की पत्नी विद्या देवी ने बताया कि उक्त पेड़ 6 वर्ष का था तभी इसमें बौर नवम्बर माह में ही लगने लगे। दिसम्बर तक पूरा पेड़ बौर से भर जाता था।
उन्होंने बताया कि प्रारम्भ के कुछ वर्षो में हम बौर तोड़ देते थे। कुछ वर्षो के बाद बौर लगते समय ही उस पर दवाओं का छिड़काव कर उसे बचाया गया तो उसमें अच्छा फल लगा। पहले बौर आने से कोहरे का असर जरूर पड़ता है लेकिन फिर भी पर्याप्त मात्रा में आम का फल खाने को मिल जाता है।
इस संबंध में पूछे जाने पर जिला उद्यान अधिकारी एमपी पटेल ने बताया कि आर्जीन हार्मोन व तापक्रम हाई रहने के कारण कभी-कभी ऐसा हो जाता है लेकिन इसके फल टिकाऊ नहीं होते।
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