वस्तु व सेवा कर ने दिए रोजगार के नए अवसर
जागरण संवाददाता, सरायख्वाजा (जौनपुर) : वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) ने रोजगार के नए अवसर दिए हैं। शिक्षण
जागरण संवाददाता, सरायख्वाजा (जौनपुर) : वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) ने रोजगार के नए अवसर दिए हैं। शिक्षण संस्थाओं को इसे ध्यान में रख कर नई पीढ़ी को तैयार करना चाहिए। सफल होने के लिए लोकाचार व विक्रयकला दोनों में पारंगत होना समय की मांग है। जीवन में विजेता बनने के लिए कौशल के साथ ही अच्छा व्यवहार भी होना चाहिए। नियोक्ता उन्हीं को रोजगार देते है जो उनकी जरूरतों को पूरा कर सके। यह बातें बतौर मुख्य अतिथि आइसीए संस्था के महाप्रबंधक राजेश त्रिवेदी ने मंगलवार को वित्तीय अध्ययन विभाग द्वारा फार्मेसी संस्थान के शोध व नवाचार केंद्र में जीएसटी एंड स्टूडेंट एम्प्लॉयबिलिटी विषयक संगोष्ठी में कही। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर के विभिन्न आयामों एवं रोजगार के नए अवसरों के बारे में भी चर्चा की।
विषय विशेषज्ञ कोलकता के चार्टेड अकाउंटेंट अभिषेक टिबरवाल ने कहा कि जीएसटी वैट का परिस्कृत रूप है। वैट में व्यापारियों को क्रेडिट कम मिलता था लेकिन इस नए कर से ज्यादा टैक्स क्रेडिट मिलेगा। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने बदलते परिवेश में भारतीय नागरिक, व्यवसायी और उद्यमी को वस्तु एवं सेवा कर को समझना होगा। यदि हम इसे नहीं समझते तो हम अपने देश को नहीं समझ पाएंगे।
उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने आर्थिक सुधारों को पहिया दिया है जिसे आज गति मिल गई है। शिक्षा ने इसमें इंजन का काम किया है। इस अवसर पर डा. अजय प्रताप ¨सह, डा. वीडी शर्मा, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय ¨सह राठौर, डा. वंदना राय, डा. एसपी तिवारी, डा. अवध बिहारी ¨सह, डा. आशुतोष ¨सह, डा. रसिकेश, डा. प्रदीप कुमार, डा. अलोक ¨सह, प्रमेंद्र ¨सह सहित विद्यार्थी मौजूद रहे।
स्वागत संगोष्ठी संयोजक विभागाध्यक्ष डा. अजय द्विवेदी व संचालन डा.राजेश शर्मा ने किया। आभार प्रो. बीबी तिवारी ने व्यक्त किया।