Move to Jagran APP

पूर्वाचल विश्वविद्यालय में बनाया जाए शोध सेंटर : प्रो. राजाराम

जागरण संवाददाता, जौनपुर : शासन की तरफ से तीन विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की तैनाती की गई है। जि

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Apr 2017 01:01 AM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2017 01:01 AM (IST)
पूर्वाचल विश्वविद्यालय में बनाया जाए शोध सेंटर : प्रो. राजाराम
पूर्वाचल विश्वविद्यालय में बनाया जाए शोध सेंटर : प्रो. राजाराम

जागरण संवाददाता, जौनपुर : शासन की तरफ से तीन विश्वविद्यालयों में नए कुलपतियों की तैनाती की गई है। जिसमें वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रो. राजाराम यादव होंगे। यह विश्वविद्यालय के 14वें कुलपति होंगे। श्री यादव इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में प्रोफेसर पद पर सेवा दे रहे है।

loksabha election banner

श्री यादव मूलरूप महोबा जिले के ¨सघनपुर बघारी के रहने वाले है। इन्होंने अपनी इंटरमीडिएट की शिक्षा-दीक्षा हमीरपुर से तो उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पूरी की है। इन्होंने डायमंड जुबली छात्रावास में रहकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ही पढ़ाई की। शुरुआत में यह वर्ष 1983 से 88 तक ओएनजीसी में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत रहे। ओएनजीसी से त्यागपत्र देकर यह पूरी तरह से वर्ष 1988 से 92 तक सामाजिक सेवा से जुड़े रहे। इसके पहले वह ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में वर्ष 1992 से 96 तक प्रवक्ता रहे।

इलाहाबाद में वर्ष 1996 में इन्होंने एसोसिएट प्रोफेसर पद पर ज्वाइन किया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में यह 20 वर्ष से अधिक समय से अपनी सेवा दे चुके है। इन्होंने अभी तक विवाह नहीं किया है। इसके अलावा प्रो. अनिल शुक्ला को रुहेलखंड विश्वविद्यालय का तो प्रो. विजय कृष्ण ¨सह को गोरखपुर विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया गया है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल का कार्यकाल 20 दिसंबर 2016 को ही खत्म हो गया था।

इनके अच्छे कार्य को देखते हुए शासन की तरफ से दो बार इनका कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। प्रो. अग्रवाल के कार्यकाल में समय से परीक्षा, परिणाम, प्रवेश में काफी सुधार आया। शासन के आदेश के तहत पिछले तीन साल से 30 जून के अंदर परीक्षा परिणाम निकल रहा है।

दैनिक जागरण से खास बातचीत में प्रो. राजाराम ने बताया कि इनकी प्राथमिकता होगी कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शोध सेंटर बनाया जाए। जिससे शोध की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सके। पारदर्शिता लाने के लिए अधिकतर कार्य ऑनलाइन किए जाएंगे। नैनों टेक्नॉलाजी का प्रयोग किया जाएगा। परिसर में चलने वाले व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर और फोकस कर सुधार होगा। सबसे बड़ी बात विद्यार्थियों के जीवन को नैतिक मूल्यों से जोड़ने का काम किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.