आम की फसल को 15 फीसद नुकसान
जागरण संवाददाता, जौनपुर : प्रकृति की मार का प्रभाव फलों के राजा आम पर अधिक पड़ा है। रविवार की रात आंध
जागरण संवाददाता, जौनपुर : प्रकृति की मार का प्रभाव फलों के राजा आम पर अधिक पड़ा है। रविवार की रात आंधी-तूफान में लगभग 15 फीसद फल गिर गया। बारिश में सल्फ्यूरिक एसिड के प्रभाव से फल के नीचे ब्लैक स्पाट का खतरा बढ़ गया है। चिकित्सकों ने बचाव के लिए दवाओं के छिड़काव की सलाह दी है।
पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष आम के पेड़ों में फलत कम है। ग्रीष्म ऋतु के पहले तेज हवा के झोंकों ने फलों को नुकसान पहुंचाया है। बचे फसल में रोग लगने की संभावना अधिक हो गई है। वहीं दूसरी तरफ आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश से गेहूं के मड़ाई की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। फसलों के नुकसान को लेकर किसान ¨चतित हैं।
कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डा. सुरेश कन्नौजिया ने बताया कि आंधी-तूफान से लगभग 15 प्रतिशत फलों को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि वायुमंडल में घुले ईंट भट्ठों के धुएं बारिश के पानी के संपर्क में आकर सल्फ्यूरिक एसिड बनकर आम के फलों पर पड़े हैं। जिसके फलों के काला होने की संभावना बढ़ गई है। सलाह दिया कि बचाव के लिए दो से तीन ग्राम कापर आक्सीक्लोराइड एक लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
एक ड्रम घोल में एक छोटा पैकेट शैंपू मिलाने से दवा देर तक फल में चिपकी रहेगी। जिससे अधिक फायदा होगा। डा. कन्नौजिया ने सलाह दिया कि भींगी गेहूं की फसल को सुखाकर तुरंत मड़ाई कर दें।