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फिर अधूरा रह गया चकरिअहवा घाट पर पुल निर्माण

बदलापुर (जौनपुर): आजादी के बाद से चुनाव दर चुनाव आते और जाते रहे, लेकिन पीली नदी के चकरिअहवा घाट पर

By Edited By: Published: Mon, 16 Jan 2017 11:13 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jan 2017 11:13 PM (IST)
फिर अधूरा रह गया चकरिअहवा घाट पर पुल निर्माण
फिर अधूरा रह गया चकरिअहवा घाट पर पुल निर्माण

बदलापुर (जौनपुर): आजादी के बाद से चुनाव दर चुनाव आते और जाते रहे, लेकिन पीली नदी के चकरिअहवा घाट पर पुल का निर्माण नहीं हो सका। जिससे कई गांवों के लोगों का बरसात के मौसम में रपटा पुल के डूबने से तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। मजबूरी में लोग घुटनेभर से पानी से होकर आने-जाने को विवश होते हैं। अब तक उन्हें सिर्फ जनप्रतिनिधियों के आश्वासनों की घुट्टी ही मिली है। जिससे लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है।

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तहसील मुख्यालय से महज छह किमी पूर्वोत्तर बदलापुर खुर्द गांव से होकर बहने वाली पीली नदी पर चकरिअहवा घाट स्थित है। जिस पर दो दशक पूर्व आवागमन हेतु रपटा पुल का निर्माण कराया गया था। बरसात के मौसम में इसके डूब जाने पर बदलापुर खुर्द, मछलीगांव, रारी खुर्द, रारी कला, वीरभानपुर, जीरिकपुर भगतपुर, दुर्गापट्टी सहित कई गांवों के लोगों का तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है। लोग लंबी दूरी तय कर बटाऊबीर होकर मुख्यालय पहुंचते हैं अथवा लोग घुटने भर पानी से होकर आने-जाने को मजबूर होते हैं। ऐसी परिस्थिति में कई दुर्घटनाएं भी घट चुकी हैं।

चाहे लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का सबमें लड़ने वाले उम्मीदवारों के घोषणा पत्र में यह समस्या प्रमुखता से रहता है लेकिन चुनाव बीतने या जीतने के बाद उम्मीदवार कभी भी घाट पर पुल निर्माण कराने की बात कौन कहे, उलट कर देखा भी नहीं। इससे लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। क्षेत्र के लोग मन बना रहे कि पुल नहीं तो वोट भी हम नहीं देंगे।

जो भी हो, होने जा रहे विधान सभा के चुनाव में इस रपटा पुल पर स्थायी पुल की मांग सबसे बड़ा मुद्दा क्षेत्र का होगा। देखना है कि हर बार की तरह इस बार भी यह मुद्दा वादा ही बनकर रह जाएगा कि चुने जाने वाले जनप्रतिनिधि इसे हकीकत में बदलकर क्षेत्रवासियों के सपनों को पूरा कर देगें।


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