ठंड में 40 फीसद बढ़ जाता है हृदयाघात
सलाह उच्च रक्तचाप व शर्करा को नियंत्रित करना प्रमुख उपाय जौनपुर: ठंड दिल के रोगियों के लिए खतरन
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उच्च रक्तचाप व शर्करा को नियंत्रित करना प्रमुख उपाय
जौनपुर: ठंड दिल के रोगियों के लिए खतरनाक है। इस सीजन में हृदयाघात की घटनाएं 40 फीसद बढ़ जाती हैं। उच्च रक्तचाप व शर्करा को नियंत्रित करके इस बीमारी से बचा जा सकता है।
पूरे विश्व में दिसंबर व जनवरी में हृदयाघात एवं लकवे, ब्रेन हैमरेज से मृत्यु लगभग 40 प्रतिशत बढ़ जाती है। इस मौसम में सबसे अधिक परेशानी बूढ़ों, बच्चों, हृदय, गुर्दा और लकवा के रोगियों को होती है। ठंड में ब्लड प्रेशर व मधुमेह के रोगियों का रक्तचाप और ब्लड शूगर बढ़ जाता है। अधिक ठंड की वजह से फ्रास्ट बाइट, अचानक मौत का भय बन जाता है। जिससे ठंड हृदय रोगियों का दुश्मन साबित होता है।
वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट डा. हरेंद्र देव ¨सह ने कहा कि जनपद में दिसंबर व जनवरी में 150 से 250 मौतें ठंड के चलते होती हैं। हृदय रोग बढ़ने का कारण धमनियों में संकुचन होता है। हृदयगति बढ़ने के कारण चय-उपाचय क्रिया बढ़ जाती है। गर्म कमरों में कार्बन मोनोक्साइड की अधिकता और आक्सीजन की कमी हो जाती है। दिन छोटा व सूर्य के दर्शन कम होने से अवसाद व तनाव बढ़ जाता है।
हृदयाघात के लक्षण:-
:-सीने में बाईं तरफ दर्द जो हाथों की ओर या पीठ की ओर बढ़ने लगता है, दर्द असहाय होता है।
:-पसीना, उल्टी, शरीर का ठंडा पड़ना
:-शूगर के मरीज व बूढ़े लोगों को ठंडी में पसीना आना।
:-पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द के साथ पसीना आना।
बचाव:-
:-बढ़ती ठंड में मदिरापान, धूम्रपान व कोल्ड एक्सपोजर से बचें।
:-शयन कक्ष में हवा आने-जाने की व्यवस्था हो, बंद कमरे में विश्राम से बचें।
:-सुबह सैर के प्रति सजग रहें, इस दौरान गर्म कपड़े पहनें।
:-उच्च रक्तचाप व शर्करा को नियंत्रित रखें।
:-अधिक चर्बीयुक्त भोजन से बचें।
:-सर्दी, जुकाम, दमा, अटैक का समुचित व समय पर उपचार कराएं।
प्राथमिक उपचार:-
:- मरीज तुरंत ऐसी जगह आ जाए जहां खुला व आक्सीजन हो।
:- लंबी सांस लेकर खांसी करें।
:-डिस्प्रीन की गोली चूसें, सर्बीट्रेट की गोली मिल जाए तो जीभ के नीचे रखें।
:-केला खा सकते हैं।