चाइनीज सामानों से मुंह मोड़ रहे उपभोक्ता
जिले में प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ का होता था कारोबार अन्य ब्रांड के वस्तुओं की बढ़ रही है बिक्री
जिले में प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ का होता था कारोबार
अन्य ब्रांड के वस्तुओं की बढ़ रही है बिक्री
जौनपुर : चाइना से बढ़ती दूरी का असर जनपद में भी दिखाई पड़ रहा है। जिले में प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ का कारोबार होता था। एक तरफ जहां पूरे देश में चाइनीज सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है, वहीं जनपद में भी लोग चाइनीज उत्पाद से मुंह मोड़ रहे हैं। इसकी जगह अन्य ब्रांड की वस्तुओं की खरीद तेज हो गई है।
जिले में गिफ्ट आइटम की करीब 250 से 300 दुकानें है। जहां पर पूर्व में चाइनीज गिफ्ट की भी बिक्री तेज होती थी। आज इन दुकानों पर नए चीनी आइटम मंगाए नहीं जा रहे है। कारण कि उपभोक्ताओं की डिमांड नहीं हो रही है। बचे-खुचे सामानों की ही बिक्री हो रही है। अब दुकानों में कोरियन की ज्वैलरी, बांबे के स्टाइलिश वुड लैंप, मेरठ की मूर्ति, राजकोट की मूर्तियों, फूल व हैंडमेड सामान भरे पड़े है। वहीं इलेक्ट्रानिक की दुकान पर बल्ब से लेकर झालर तक व फर्नीचर की दुकानों पर चाइनीज माल के नए आर्डर नहीं दिए जा रहे है। प्रतिवर्ष एक करोड़ के चाइनीज सामानों की खपत जनपद में होती रही। ऐसे में चाइनीज व्यापार घाटे में जा रहा है। कुल मिलाकर जनपद के उपभोक्ता भी भारतीय सामानों की खरीद-फरोख्त में ज्यादा रुचि दिखा रहे है।
इस बाबत गिफ्ट सेंटर व्यवसायी अभिषेक गुप्ता ने बताया कि चाइनीज सामानों के लिए नए आर्डर नहीं दिए जा रहे है। बचे हुए पुराने सामान उपभोक्ताओं की डिमांड पर बेचे जा रहे है। इस समय लोगों की पहली पसंद भारतीय सामान है। जिसमें बांबे के आइटम, राजकोट, मेरठ के गिफ्ट आइटम की खरीद ज्यादा हो रही है।