पितृदोष से मुक्ति दिलाती पितृपक्ष की अमावस्या
पितृ विसर्जन पर विशेष -------------------- मछलीशहर (जौनपुर): पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्माजी
पितृ विसर्जन पर विशेष
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मछलीशहर (जौनपुर): पौराणिक मान्यता है कि ब्रह्माजी ने अमावस्या तिथि पितरों को प्रदान किया है। यही कारण है कि अमावस्या के दिन व्रत, पूजन, श्राद्ध एवं तर्पण का विशेष फल प्राप्त होता है। इन सबमें पितृपक्ष की अमावस्या का सर्वोत्तम फलदाई कहा गया है। ज्योतिष शिरोमणि शैलेश मोदनवाल के अनुसार पितृपक्ष की अमावस्या को पितरों के निमित्त पवित्रता पूर्वक बनाया गया भोजन तथा चावल बूरा, घी एवं एक रोटी गाय को खिलाने से पितृ दोष शांत होता है।
इस दिन अपने पूर्वजों के नाम दुग्ध, चीनी, स़फेद कपडा, दक्षिणा आदि किसी मंदिर में अथवा किसी योग्य ब्राह्मण को दान करना चाहिए। इससे से पितृदोष शांत होता है। उन्होने बताया कि उक्त अमावस्या के दिन यदि पीपल की 108 बार परिक्रमा करे और कच्चा सूत लपेटे तो इससे पितृ-दोष अवश्य दूर होता है। ज्योतिषी पं.टीपी त्रिपाठी का कहना है कि हरिवंश पुराण का श्रवण, दुर्गा सप्तसती, सुंदरकाण्ड का पाठ एवं पितृस्तोत्र के नियमित पाठ से पितृदोष का शमन होकर पुण्यफलों की प्राप्ति होती है।