शारदीय नवरात्र में विशेष फलदायी संयोग
द्वितीय तिथि की वृद्धि से दस दिनों का पर्व मछलीशहर (जौनपुर): अबकी शारदीय नवरात्र दस दिनों का है
द्वितीय तिथि की वृद्धि से दस दिनों का पर्व
मछलीशहर (जौनपुर): अबकी शारदीय नवरात्र दस दिनों का है। आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से नवमी तक की तिथियां शारदीय नवरात्र के रूप में आदि शक्ति मां भगवती की उपासना के लिए प्रसिद्ध है।
ज्योतिष शिरोमणि शैलेष मोदनवाल के अनुसार द्वितीय तिथि में वृद्धि के चलते जहां यह नवरात्र दस दिनों का होगा वहीं यह पक्ष भी सोलह दिनों का होगा। इस तरह नवरात्र में तिथियों की वृद्धि शुभफलदायी है। चढ़ती-उतरती व्रत रहने वाले प्रतिपदा और अष्टमी को यानि एक व नौ अक्टूबर को व्रत रहेंगे जबकि नौ दिनों का व्रत रखने वाले भक्त नवमी तक व्रत रहेंगे।
पं. टीपी त्रिपाठी के अनुसार हस्त नक्षत्र और ब्रह्म योग के साथ शारदीय नवरात्र का का सुखद व अत्यंत पावन संयोग मिलने के कारण एक अक्टूबर शनिवार को प्रात: से ही कलश स्थापना का पावन मुहूर्त प्राप्त हो रहा है जबकि अभिहित मुहूर्त का समय दोपहर 11.36 बजे से 12.24 बजे तक है। कलियुग में चंडी की उपासना विशेष फलदायी है। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए नवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है।
व्रत पारण का मुहूर्त:- सोमवार दस अक्टूबर को सायंकाल 5.54 बजे तक नवमी तिथि रहेगी। शास्त्रीय विधान के अनुसार व्रती को नवमी के चतुर्थ चरण अथवा दशमी के प्रथम चरण में पारण कर लेना चाहिए। गणेश आपा पंचांग के अनुसार दस अक्टूबर सोमवार को सायंकाल 5.35 बजे तक नवरात्र व्रत का पारण कर लेना चाहिए जबकि व्रत का पारण के संदर्भ में पं. मुरारी श्याम पांडेय का कहना है कि 11 अक्टूबर मंगलवार को दशमी के दिन प्रात: व्रत का पारण करना विशेष लाभदायी है।