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वर्ष बाद फैसले की घड़ी नजदीक

श्रमजीवी विस्फोट कांड लगातार सुनवाई के बाद बहस समाप्त, फैसला 29 जुलाई को28 जुलाई 2005 को हरिहरपुर

By Edited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 06:37 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 06:37 PM (IST)
वर्ष बाद फैसले की घड़ी नजदीक

श्रमजीवी विस्फोट कांड

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लगातार सुनवाई के बाद बहस समाप्त, फैसला 29 जुलाई को28 जुलाई 2005 को हरिहरपुर रेल क्रा¨सग पर हुई वारदात में 12 की हुई थी मौत

जौनपुर: श्रमजीवी विस्फोट कांड में घटना के 11 वर्ष बाद भी आज तक परिजनों को न्याय नहीं मिल पाया है। अब फैसले की घड़ी नजदीक है। 29 जुलाई को अदालत द्वारा निर्णय सुनाया जाना है। इस पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। 11 वें वर्ष के आखिरी तीन महीने में तेज गति से हुई सुनवाई के दौरान बहस की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस घटना को अतीत में झांककर देखें तो 28 जुलाई 2005 की शाम का वह हृदय विदारक नजारा देखने वालों के आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बम विस्फोट में 12 लोग मरे थे तथा दर्जनों घायल हुए

थे। जौनपुर के मृतक अमरनाथ के परिजन, घायल मदनलाल सेठ, उनका लड़का शिवम

सेठ, गोरखनाथ निषाद, रीतेश न्याय की आस में बैठे हैं। मामले में जीआरपी के दो गवाह

कांस्टेबल सुरेश यादव व श्यामजी ने विस्फोट वाले दिन वाराणसी के

प्लेटफार्म नम्बर 9 पर आरोपी रोनी व हिलाल को श्रमजीवी ट्रेन के विस्फोट

वाले डिब्बे में घबराए हुए झांकते देखा था। दोनों ने दोनों आरोपियों को

कोर्ट में पहचाना। कुछ अन्य घायल गवाहों ने विस्फोट वाले डिब्बे में इन्हीं

आरोपियों से मिलते जुलते व्यक्तियों को देखना बताया।

पुलिस की तमाम तफ्तीश के बाद चार आरोपी हाथ लगे। इनमें से ओबेदुर्रहमान के मामले में 46 गवाह व रोनी के मामले में 53 गवाह परीक्षित हुए। अभियोजन पक्ष की ओर से बहस समाप्त हो चुकी है। आरोपी की ओर से बहस पूरी हो चुकी है। प्रकरण अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव की अदालत में है। फैसले के लिए 29 जुलाई की तिथि तय हो चुकी है।कुल थे सात आरोपी, अब चारश्रमजीवी विस्फोट कांड में पुलिसिया तफ्तीश के दौरान सात आरोपी प्रकाश में आए जिसमें आरोपी ओबेदुर्रहमान व आलमगीर उर्फ रोनी के मामले में 29 जुलाई को फैसला होगा। इसके अलावा आरोपी हिलाल व नफीकुल विश्वास दूसरे मामले में आंध प्रदेश के हैदराबाद में चेरापल्ली जेल में बंद हैं। विस्फोट कांड का मास्टर माइंड आरोपी कंचन उर्फ शरीफ अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है। आरोपी याहिया उर्फ गुलाम पजदानी की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो चुकी है। आरोपी डाक्टर सईद का नाम पता का तस्दीक नहीं हो सका।


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