रेलवे स्टेशनों पर मचा हाहाकार
जौनपुर : इन दृश्यों को देखिए। यह जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के है। जहां पानी तक के लिए हाहाका
जौनपुर : इन दृश्यों को देखिए। यह जिले के विभिन्न रेलवे स्टेशनों के है। जहां पानी तक के लिए हाहाकार मचा हुआ है। यह अलग बात है कि अपनी खामियों को नजर अंदाज कर रेलवे महकमा हाईटेक होने का दावा करता है, ¨कतु आप तो जानते ही है कि कोई गुनहगार कहां जल्दी अपनी गलतियों को कबूल करता है। आइए जाने रेलवे स्टेशनों पर पानी, बिजली, साफ-सफाई और व्यवस्थाओं का सच।
खुद प्यासी हैं पानी की टोटियां
रेलवे स्टेशनों पर पानी तक की समुचित व्यवस्था नहीं है। यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए लगी टोटियां खुद प्यासी दिखाई पड़ती है। जौनपुर जंक्शन (भंडारी) के प्लेटफार्म नंबर 4 और 5 पर पानी की टोटियां टूटी हुई है। जंघई जंक्शन व बरसठी स्टेशन पर पानी की व्यवस्था भगवान भरोसे है। यात्रियों को पानी खरीदकर ही पीना पड़ता है। रेलवे स्टेशन श्रीकृष्णनगर के प्लेटफार्म नंबर दो पर पानी की किल्लत दिखाई पड़ती है।
टिकट लेने को होती है मारामारी
इन दिनों ट्रेनों में सफर करने वालों के लिए मुश्किलें काफी बढ़ गई है। सीट की बात ही छोड़िए टिकट लेने तक के लिए मारामारी हो रही है। जौनपुर जंक्शन, जंघई जंक्शन आरक्षण केंद्र पर दलालों की सक्रियता रहती है। बगैर इनके आसानी से टिकट नहीं मिल पाता है। इन दिनों स्टेशनों के आरक्षण केंद्र पर सघन तलाशी नहीं ली जा रही है। इसके पीछे का कारण आसानी से समझा जा सकता है।
गंदगी में बैठने को मजबूर यात्री
रेलवे स्टेशनों की सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है। जौनपुर जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर 5 और जंघई जंक्शन पर चहुओर गंदगी दिखाई पड़ती है। जंघई जंक्शन के प्लेटफार्म पर हद ही हो गई है। भीड़ होने के कारण वहां बने सीट पर जगह ही नहीं रहती है। कई सीटें तो टूट भी गई है। तल्ख धूप और गर्म हवाओं के कारण प्लेटफार्म की फर्श तक गर्म रहती है। ए से में यात्रियों को गंदे फर्श पर बैठना पड़ता है। जिसके चलते यात्रियों को दिक्कत होती है। विभागीय लोगों की माने तो सफाई के लिए प्रतिमाह जंघई जंक्शन के लिए 40 हजार रुपये आता है। बावजूद इसके यह स्थिति है।
अंधेरे में परेशान होते हैं यात्री
स्टेशनों पर प्रकाश की क्या व्यवस्था है, यह ज्यादा बताने की जरूरत नहीं। जी हां बरसठी, जरौना आदि छोटे स्टेशनों पर रात होते ही अंधेरा छा जाता है। बिजली के लिए बरसठ स्टेशन पर लगा खंभा लटक गया है। कई स्टेशनों पर रात होने पर अंधेरा ही छाया रहता है। जनरेटर की व्यवस्था होने के बाद भी उसे नहीं चलाया जाता है। जिससे यात्रियों को दिक्कत होती है। यह अलग बात है कि इन बातों को जिम्मेदार अधिकारी मानने तो तैयार नहीं है।
वर्षों से टीनशेड विहीन प्लेटफार्म
शाहगंज रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म पर वर्षों से टीनशेड निर्माणाधीन है। जिसके कारण इस चिलचिलाती धूप में यात्री धूप में खड़े होकर ट्रेन का इंतजार करते हैं। यात्रियों के लिए लगे हैंडपंप भी खराब पड़े हैं जिसके मरम्मत की सुधि नहीं ली जा रही है।