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नहीं बुझेगा दस हजार घरों का चूल्हा

जौनपुर: शिक्षकों के हित के लिए सड़क पर चल रहा संघर्ष अब सदन के भीतर पहुंच गया है। तदर्थ शिक्षकों के व

By Edited By: Published: Sat, 13 Feb 2016 09:45 PM (IST)Updated: Sat, 13 Feb 2016 09:45 PM (IST)
नहीं बुझेगा दस हजार घरों का चूल्हा

जौनपुर: शिक्षकों के हित के लिए सड़क पर चल रहा संघर्ष अब सदन के भीतर पहुंच गया है। तदर्थ शिक्षकों के विनियमितीकरण का क्रियान्वयन नहीं हुआ तो 15 फरवरी को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। अपनी ताकत का एहसास कराने के लिए सूबे के शिक्षक एक बार फिर एकजुट होकर संघर्ष करें।

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यह बातें माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष और एमएलसी चेत नारायण ¨सह ने कही। वह शनिवार को तिलकधारी इंटर कालेज में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

श्री ¨सह ने कहा कि दो दशक से लगातार अपनी सेवा दे रहे तदर्थ शिक्षक राजकोष से वेतन मिलने के बाद भी तमाम सुविधाओं से वंचित हैं। उन्हें हक दिलाने के लिए लंबे समय से संघर्ष किया जा रहा है। सपा सरकार ने विनियमितीकरण के लिए दस अप्रैल 2013, 23 दिसंबर 2013 और सात अप्रैल 2015 को वादा किया था कि 2011 तक के तदर्थ शिक्षकों को विनियमित कर दिया जाएगा।

प्रथम चरण में दिसंबर 2000 तक के शिक्षकों को नियमित करने हेतु अगले मंत्रिमंडल की बैठक में आदेश पारित कर दिया जाएगा। शेष शिक्षक तीन माह के परीक्षण के बाद नियमित कर दिए जाएंगे। लेकिन कई बार धरना-प्रदर्शन व चेतावनी के बाद भी सरकार ने ऐसा न कर वादा खिलाफी की। संघ के प्रांतीय सम्मेलन में लिए गए निर्णय के अनुसार सदन में धरना दिया जाएगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध-प्रदर्शन करने वालों का सरकार उत्पीड़न कर रही है। रात में 25 मार्सल द्वारा जबरिया बाहर कर दिया गया। उनके आंदोलन का विपक्षी दलों के नसीमुद्दीन सिद्दीकी, हृदय नारायण दीक्षित, नसीम पठान आदि ने भी समर्थन करने के लिए बजट सत्र का बहिष्कार और सदन की कार्रवाई को रोक दिया। शिक्षक नेता ने आरोप लगाया कि नए शिक्षा निदेशक नया आदेश पारित कर तदर्थ शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं जिससे शिक्षकों के सामने अब करो या मरो की स्थिति पैदा हो गई है। अंतिम सांस तक संघर्ष कर दस हजार शिक्षक साथियों का चूल्हा नहीं बुझने दिया जाएगा। यदि जरूरत पड़ी तो सदन में आमरण अनशन भी किया जाएगा।

उन्होंने चेतावनी दी कि विनियमितीकरण के संबंध में चार अगस्त के कैबिनेट के निर्णय का सरकार अगर क्रियान्वयन नहीं करती है तो सदन नहीं चलने दिया जाएगा। आंदोलित शिक्षक 14 फरवरी को मशाल जुलूस निकालेंगे और 15 को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। उन्होंने सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि एकजुट होकर आंदोलन में सहयोग करेंगे। आंदोलन की कमान प्रदेश मंत्री रमेश ¨सह को सौंपी गई है।

इस दौरान जिलाध्यक्ष नर¨सह बहादुर ¨सह, सुधाकर ¨सह, पूर्व जिलाध्यक्ष डा.राकेश ¨सह, प्रधानाचार्य वीरेंद्र ¨सह आदि शिक्षक मौजूद रहे।


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