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गेहूं की फसल को खर-पतवार से बचाएं

जौनपुर : फसल चक्र के अभाव में रबी की प्रमुख फसल गेहूं में खर-पतवार का प्रकोप है। जिससे 15 से तीस

By Edited By: Published: Sat, 28 Nov 2015 12:25 AM (IST)Updated: Sat, 28 Nov 2015 12:25 AM (IST)
गेहूं की फसल को खर-पतवार से बचाएं

जौनपुर : फसल चक्र के अभाव में रबी की प्रमुख फसल गेहूं में खर-पतवार का प्रकोप है। जिससे 15 से तीस फीसद उत्पादन प्रभावित होता है। समय रहते नियंत्रण कर किसान उत्पादन बढ़ा सकते हैं।

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विगत कई साल से हल-बैल से जुताई न होने और फसल चक्र के अभाव में फसलों में खर-पतवार का प्रकोप बढ़ गया है। जिसके चलते फसलों की बढ़वार रुक जाती है और उत्पादन पर प्रभाव पड़ रहा है। रबी के सीजन सबसे अधिक नुकसान गेहूं की फसल को हो रहा है।

जिला कृषि अधिकारी मनीष ¨सह ने किसानों को सलाह दी है कि खर-पतवार के नियंत्रण हेतु समय से दवाओं का छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि गेहुंसा व जंगई जई से गेहूं की फसल बचाने के लिए बुवाई के 28 से 35 दिन के भीतर सल्फोसल्फ्यूरान 33 ग्राम प्रति हेक्टेयर 600 लीटर पानी में घोल बनाकर फ्लैट फैन नाजल लगाकर छिड़काव करें।

डा.¨सह ने बताया कि चौड़ी पत्ती वाले खर-पतवार के नियंत्रण हेतु टू फोर-डी सोडियम साल्ट 80 फीसद खर-पतवार नाशी रसायन का 625 ग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से गेहूं की बुवाई के 35 से 40 दिन के अंदर 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इस बात का ध्यान रहे कि इस दौरान खेतों में पर्याप्त नमी आवश्यक है। उन्होंने खर-पतवार से नियंत्रण हेतु फसल चक्र अपनाने की सलाह दिया।


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