आस्था के समंदर में श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
जौनपुर : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था के समंदर में डुबकी लगाई। स
जौनपुर : कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था के समंदर में डुबकी लगाई। सूरज घाट पर तो लग रहा था कि आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। इसी तरह गोमती तट पर तिलवारी, बलुवा, विजयीपुर, बेलांव और सई के संगम राजेपुर में भी स्नान पौ फटने के पूर्व ही शुरू हो गया था। लोगों ने गोमती में डुबकी लगाने के बाद भगवान विष्णु की पूजा की तथा गरीबों में वस्त्र, अन्न आदि का दान दिया
स्नान और दान के बाद श्रद्धालुओं का रेला मेला की ओर पहुंचा। यह मेला पचहटिया से लेकर सेंट पैट्रिक्स स्कूल तथा राजा साहब के पोखरे तक लगा था। वहां लोगों ने रेवड़ी, गट्टा, लाई, चिवड़ा के साथ मिठाइयों को खरीदकर स्वाद लिया। गरमागरम चोटहिया जलेबी का भी आनंद लिया गया। यहां किसानी और घरेलू उपयोग का चौका, बेलना, हाथा, दौरी, सूप, चलनी, मिट्टी की हांडी के साथ ही खेती-किसानी के सामानों जुआठ, तावा, चाकू, हंसिया, खुरपी, फरसा आदि की खरीदारी की। इसके अलावा सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों से क्रीम, पावडर, चूड़ी, टिकुली और ¨बदी भी खूब खरीदा। डुप्लीकेट ज्वेलरी की दुकानों से भी खूब खरीदारी की गई। यह मेला और स्नान पर्व देर शाम तक चलता रहा। प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए वाहनों के रूट परिवर्तन कर दिए लेकिन बार-बार जाम लगता रहा।
राजेपुर स्थित सई-गोमती स्थल पर हजारों श्रद्धालु तड़के से ही स्नान शुरू कर दिए। इसके बाद रामेश्वर में भगवान शिव को जलाभिषेक किया। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने अष्टावक्र महराज की पूजा भी किया। यहां त्रिमुहानी पर विशाल मेले का आयोजन रहा। लोगों ने जरूरत के सामानों की जमकर खरीदारी किया।
मेले का प्रिय रेवड़ा 50 से 70 रुपये किग्रा तक बेचा गया। उदपुर और विजईपुर घाट पर भी भारी भीड़ लगी। जगह-जगह यज्ञ और पूजा पाठ भी पूरे दिन चलता रहा। खुटहन के पिलकिछा घाट पर हजारों श्रद्धालुओं ने गोमती नदी में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित किया।
इसी के साथ तिलवारी गांव का प्रसिद्ध साप्ताहिक मेला शुरू हुआ। पर्व पर पश्चिम बहनी बलुवा घाट पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। स्नान के लिए भारी संख्या में लोग एक दिन पहले ही पहुंच गए थे। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालु ट्रैक्टर, जीपों तथा अन्य साधनों से पहुंचे थे।
चुम्बक से परेशानी
सूरज घाट पर नाव लगाई गई थी। उस पर सवार बच्चे गोमती नदी में से पैसा निकालने के लिए चुम्बक फेंक रहे थे। चुम्बक कई बार डुबकी लगाने वालों के सिर पर गिर जा रहा था। इससे उन्हें परेशानी होती थी।