जेसीज चौराहा ही नहीं संवारने को और भी हैं साहब
जौनपुर : नगर के सुंदरीकरण को लेकर जिम्मेदार कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गए है। आश्चर्य की बात तो यह है कि
जौनपुर : नगर के सुंदरीकरण को लेकर जिम्मेदार कुछ ज्यादा ही गंभीर हो गए है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सारी गंभीरता जेसीज चौराहे की ओर ही दिखाई पड़ रही है। चौराहे पर बना ग्लोब अब दिक्कत उत्पन्न करने लगा है। शायद यही वजह है कि चौराहे के निखार के लिए तीसरी बार ग्लोब को तोड़कर पुन: बनवाया जा रहा है। जिसे देखने वाले लोगों की जुबां से एक ही शब्द निकल रहा है कि इसके अलावा संवारने के लिए शहर के और भी महत्वपूर्ण चौराहे है। जहां कोरमपूर्ति कर छोड़ दिया गया है। इन लोगों के वाक्यों को सुनने के बाद यह कहने को मजबूर होना पड़ रहा है कि प्रशासन की लाख पहल के बाद भी चांद में दाग लगा हुआ है।
तत्कालीन जिलाधिकारी सुहास एलवाई के कार्यकाल में नगर के कायाकल्प का खाका तैयार किया गया। इसके लिए काम भी तेजी के साथ शुरू हुआ। लोगों की आस तब और बढ़ गई जब तेजी के साथ बदल रहे इस शहर को गति देने के लिए सामाजिक संगठन और नामी बैंक भी आगे आए। शहर के हर चौराहों के कायाकल्प के साथ-साथ वहां की सुंदरता बढ़ाने का जिम्मेदारी इन्होंने ले लिया, ¨कतु योजना के तहत काम को अंजाम तक पहुंचाने में कोरमपूर्ति कर दी गई। हद तो तब हो गई जब पालीटेक्निक चौराहे पर एसबीआई द्वारा बनवाए गए फौव्वारे से लाइट आदि हटा ली गई। कुछ चौराहों पर सुंदरता की बजाए कार्यदायी संस्थाओं ने पत्थर लगाकर अपना प्रचार ही करना शुरू दिया।
इधर जेसीस चौराहे पर लगे फौव्वारे के बीच ग्लोब को नए तरीके से बनाने के लिए दो बार विभिन्न कारणों का हवाला देते हुए तोड़ दिया गया, जबकि अन्य चौराहों को उनके ही हाल में छोड़ दिया गया। इधर अब जेसीज चौराहे के इस फौव्वारे के बीच ग्लोब को फिर से नए कलेवर में बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए सोमावर को काम भी शुरू कर दिया गया है।