27 वर्षो से गांव का विकास अवरुद्ध
सिकरारा (जौनपुर): किसानों के इधर-उधर बिखरे हुए खेतों को चकबंदी प्रक्रिया के माध्यम से एक स्थान पर
सिकरारा (जौनपुर): किसानों के इधर-उधर बिखरे हुए खेतों को चकबंदी प्रक्रिया के माध्यम से एक स्थान पर इसलिए किया जाता है कि किसानों को खेती करने में समस्या न हो। गांव का विकास कार्य अवरुद्ध न हो।
वहीं क्षेत्र के हरीरामपुर गांव में 27 वर्षों से चकबंदी की प्रक्रिया ठप होने से गांव के विकास योजनाओं का कार्य अवरुद्ध पड़ा है। चकबंदी प्रक्रिया लंबित होने से गांव के समस्याओं का भी निस्तारण नहीं हो पा रहा है। ग्राम प्रधान रूबी ¨सह ने चकबंदी आयुक्त लखनऊ, जिलाधिकारी जौनपुर, उप संचालक चकबंदी व बंदोबस्त अधिकारी को प्रार्थना पत्र दिया जिसमें गांव में पूर्णरूपेण चकबंदी कराने की मांग किया है। ग्रामीणों द्वारा पूछे जाने पर विभागीय अधिकारी हाईकोर्ट द्वारा स्टे की बात कहकर टाल देते हैं
प्रधान के पति संजू ¨सह व गांव के निवासी मनोज कुमार ¨सह, जनार्दन ¨सह, राकेश कुमार का कहना है कि हम सब ग्रामीण पंचों के माध्यम से फैसला लेने के बाद हाईकोर्ट में सुलहनामा दाखिल कर दिया है। विभागीय अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि चकबंदी प्रक्रिया जितना हुआ है उतने का ही बंदोबस्त 27 साल बाद भी नहीं बन सका है। ग्रामीणों ने अधिकारियों से शेष चक की पैमाइश अविलंब पूर्ण कराने की मांग की है जिससे बंदोबस्त बनाया जा सके और गांव के अधूरे विकास कार्य को पूर्ण किया जा सके।