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पूविवि----महिला सदस्यों के बगैर चल रहे उड़ाका दल

जौनपुर : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की परीक्षाएं दस मार्च से चल रही है। संचालन के एक माह

By Edited By: Published: Thu, 16 Apr 2015 08:34 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2015 08:34 PM (IST)
पूविवि----महिला सदस्यों के बगैर चल रहे उड़ाका दल

जौनपुर : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की परीक्षाएं दस मार्च से चल रही है। संचालन के एक माह बाद भी उड़ाका दल सुव्यवस्थित तरीके से नहीं चल पा रहा है। एकाध उड़ाका दल निष्क्रिय हो गया है तो अधिकतर बगैर महिला सदस्य के घूम रहे है। जिससे महिला नकलचियों को रोकने में काफी परेशानी हो रही है। ऐसे में विश्वविद्यालय के नकल विहीन परीक्षा कराने के दावे पर पानी फिर रहा है।

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विश्वविद्यालय के 550 कालेजों के 4.89 लाख छात्र-छाऋाओं को परीक्षा देनी है। परीक्षा के लिए 442 केंद्र बनाया गया है। इसमें जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, इलाहाबाद के महाविद्यालय शामिल है। एक सप्ताह बाद 17 मार्च को उड़ाका दल का गठन किया गया है। जिसके तहत जौनपुर व आजमगढ़ में चार-चार उड़ाका दल, गाजीपुर में तीन, मऊ में दो उड़ाका दल का गठन हुआ। जौनपुर में डा.व्रजेंद्र ¨सह, डा.संतोष ¨सह, डा.राकेश यादव उड़ाका दल के संयोजक की टीम काम कर रही है। गाजीपुर में उड़ाका दल संयोजक डा.अनुराग ¨सह, डा.चौथी ¨सह यादव, डा.एसके पांडेय को जिम्मेदारी दी गई। मऊ में उड़ाका दल संयोजक डा.एएन ¨सह, डा.आरएन मिश्र की टीम सक्रिय है। उड़ाका दल में अधिकतर में महिला सदस्य न होने से नकलची छात्राओं को पकड़ने में काफी समस्या होती है। नियमत: सभी उड़ाका दल में एक महिला सदस्य का होना अनिवार्य है। गाजीपुर में उड़ाका दल संयोजक डा.चौथी ¨सह यादव की टीम में डा.अनीता कुमारी व डा.एसके पांडेय की टीम में डा.अनीता महिला सदस्य के रूप में काम कर रही है। इसके अलावा अन्य उड़ाका दल में विश्वविद्यालय की तरफ से किसी महिला सदस्य का नाम ही नहीं शामिल किया गया है। पिछले वर्ष की परीक्षा में महिला सदस्यों के नाम चयनित किए गए थे लेकिन वह सचल दस्ते में नहीं शामिल हुईं थीं। यह स्थिति तब है जब परीक्षा खत्म होने को आ गई है। ऐसे में इतनी बड़ी लापरवाही समझ से परे है।

किया जाएगा दुरुस्त

इस बाबत कुलपति प्रो.पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि पिछले वर्ष की परीक्षा में महिला उड़ाका दल के सदस्यों को नामित किया गया था जिन्होंने काम नहीं किया था। रही बात जनपद के निष्क्रिय उड़ाका दल की तो एक माह का कार्यकाल खत्म होते हुए उनकी जगह दूसरे को संयोजक नामित कर दिया जाएगा।


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