कलश यात्रा शांति का प्रतीक
खुटहन/बदलापुर (जौनपुर) : उसरौली गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पहले शुक्रवार को कलश य
खुटहन/बदलापुर (जौनपुर) : उसरौली गांव में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के पहले शुक्रवार को कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें गाजे-बाजे के साथ सैकड़ों कन्याओं, महिलाओं व पुरुषों ने कलश लेकर समूचे गांव में भ्रमण किया। श्रद्धालुओं ने रास्ते में पड़ने वाले सभी मंदिरों की परिक्रमा किया। उधर, बदलापुर क्षेत्र के बटाऊवीर में हनुमान जी की मूर्ति स्थापना के पहले भव्य कलश यात्रा निकाली गई।
उसरौली में वृंदावन से पधारे स्वामी संजय कृष्ण महाराज ने कहा कि कलश यात्रा शांति का प्रतीक है। ¨हदू धर्म में इसका बड़ा ही महत्व है। इसमें सम्मिलित होने से कई तीर्थों की यात्रा करने का फल मिलता है। कलश यात्रा में राम लुटावन यादव प्रधान, हृदय नाथ शुक्ला, देवमणि यादव, सुशीला देवी, चमेला, फूला देवी, कंचन, जड़ावती, जैराजी आदि शामिल रहीं।
उधर, बदलापुर तहसील क्षेत्र के बटाऊवीर चौराहे पर हनुमान जी की मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा हेतु शुक्रवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। गाजे-बाजे के साथ भारी संख्या में श्रद्धालु जयकारा लगाते हुए सरायगुंजा, बनगांव, पट्टी, बनगांव भूमिहार, शाहपुर, कमालपुर, गौरीशंकर धाम, चंदापुर होते हुए पवित्र आदि गंगा गोमती नदी पिलकिछा पहुंचे। जहां से पुन: कार्यक्रम स्थल आए।
आचार्य प. हर्षू प्रसाद शास्त्री के नेतृत्व में पं. देव नारायण दुबे, पं. दिवाकर दुबे, राम सेवक मिश्र, संता प्रसाद दुबे, रमाशंकर शुक्ल, अमरजीत शुक्ल आदि विद्वान पंडितों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा किया। वैदिक मंत्रों की गूंज से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। आचार्य ने कहा कि कलियुग में हनुमान की साधना सबसे ज्यादा फलदायी है। आस्था व विश्वास के साथ पूजन करने वालों की मनौतियां सहज भाव में पूर्ण हो जाती है।
इस दौरान राम अक्षैबर यादव, राम मूर्ति यादव, प्रधान इंद्रदेव यादव, जय प्रकाश यादव, वंशराज, रमाकांत, राम आसरे तिवारी, पारसनाथ यादव आदि उपस्थित रहे। आयोजक अर¨वद यादव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।