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प्रतिकूल परिस्थिति में होती है धैर्य की परीक्षा

सिंगरामऊ (जौनपुर): राजा हरपाल सिंह इंटर कालेज में बुधवार को आयोजित तीन दिवसीय मानस सम्मेलन में डा.आर

By Edited By: Published: Wed, 17 Dec 2014 09:30 PM (IST)Updated: Wed, 17 Dec 2014 09:30 PM (IST)
प्रतिकूल परिस्थिति में होती है धैर्य की परीक्षा

सिंगरामऊ (जौनपुर): राजा हरपाल सिंह इंटर कालेज में बुधवार को आयोजित तीन दिवसीय मानस सम्मेलन में डा.आरपी ओझा ने कहा कि समता एवं विषमता के झूले में झूलता हुआ मानव जीवन आगे बढ़ता रहता है। सुख-दुख, हानि-लाभ, जय-पराजय, यश-अपयश में सभी परिस्थितियां मानव जीवन चक्र में आती रहती है। प्रतिकूल परिस्थिति में उसके धैर्य, साहस और पराक्रम की परीक्षा होती है।

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मानस वेत्ता प्रकाश चंद्र पांडेय 'विद्यार्थी' ने कहा कि परमात्मा स्वयं ही साधक के समस्त कष्टों का निराकरण कर देते हैं। परमसत्ता की कृपा के भागी बहुत विरले ही हो पाते हैं। जिस आदमी की आत्मा निर्मल होती है, जिन्हें गुरु चरणों में अगाध श्रद्धा होती है वे ही इसके भागी होते हैं। उन्होंने कहा कि सत्संग आत्मिक कल्याण हेतु जीवन का सर्वोत्कृष्ट साधन है। सर्वथा सत् का संग ही सत्संग है। जैसा संग वैसा रंग। सत्संग ऐसे दुर्लभ को सुलभ बना देता है। सांसारिक माया से निवृत्ति सत्संग से ही संभव है।

कथावाचक हेमंत तिवारी ने कहा कि भाग्य बदलना है तो भाग्य भरोसे रहना छोड़ो। सतोगुण से ज्ञान, रजोगुण से लोभ, तमोगुण से प्रमाद मोह तथा अज्ञान उत्पन्न होता है। ये अज्ञान ही विनाश का कारण बनता है।

इसके पूर्व प्रबंधक कुंवर जय सिंह 'जय बाबा' ने व्यासों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। प्रधानाचार्य डा.रमाकांत सिंह ने आभार जताया। संचालन सूर्य भूषण तिवारी ने किया। इस मौके पर सती प्रसाद मिश्र, दयाशंकर दूबे, संजय कुमार सिंह, मेजर दिलीप कुमार सिंह, लालता प्रसाद पांडेय आदि उपस्थित रहे।


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