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कहां गया 2500 क्विंटल अनुदान का गेहूं बीज!

जौनपुर: खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने की योजना जनपद में अनियमितता की भेंट चढ़ गई है। अन्नदाता खाद-बीज के

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 09:52 PM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 09:52 PM (IST)
कहां गया 2500 क्विंटल अनुदान का गेहूं बीज!

जौनपुर: खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने की योजना जनपद में अनियमितता की भेंट चढ़ गई है। अन्नदाता खाद-बीज के लिए भटक रहे हैं और बिचौलिए माला-माल हो रहे हैं। वितरण में खामी की बानगी है अनुदान पर वितरण किया जा रहा गेहूं बीज। साधन सहकारी समितियों को आवंटित अनुदान के 2500 क्विंटल बीज का पता नहीं है।

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उन्नत बीज का प्रयोग कर उत्पादन बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत केंद्र व राज्य सरकार द्वारा 1400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं पर अनुदान दिया जा रहा है। मांग के सापेक्ष पर्याप्त बीज तो जिले में उपलब्ध होने का कृषि विभाग दावा तो कर रहा है लेकिन किसान प्राइवेट दुकानों से खरीदने को मजबूर हैं। खामी की मुख्य वजह वितरण में अनियमितता है।

सूत्रों के अनुसार साधन सहकारी समितियों के लिए आवंटित 2500 क्विंटल गेहूं का बीज समितियों पर न भेजकर कहीं और दे दिया गया। इस अनियमितता के चलते जिले के 25 समितियों पर अभी तक बीज नहीं पहुंच सका है। संबंधित क्षेत्र के किसान प्राइवेट दुकानों से खरीद कर बोआई करने को विवश हैं। जिला प्रशासन 35 लाख रुपये अनुदान वाले बीज के बारे पूछताछ करने की बजाय अनजान बना है।

सचिव संघ के अध्यक्ष कैलाश नाथ सिंह ने कहा कि 2500 क्विंटल गेहूं बीज अन्यत्र भेजे जाने से किसान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के लाभ से वंचित हो गए हैं। पीसीएफ द्वारा बगैर एआर की अनुमति के गेहूं का बीज कहां भेजा गया इस बात की जांच की जानी चाहिए।

पीसीएफ के अधिकारियों को लिखा गया पत्र

एआर कोआपरेटिव बीके सिंह ने कहा कि पीसीएफ द्वारा 2500 क्विंटल गेहूं का बीज बगैर अनुमति के अपने बिक्री केंद्रों पर भेज दिया गया है। इसके लिए जिम्मेदार को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी देते हुए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। श्री सिंह ने माना कि खामी के चलते अभी तक 15 फीसद समितियों पर बीज व उर्वरक नहीं पहुंच सका है।


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