अब कर्मचारियों का मौजा ही मौजा
जौनपुर: सरकारी कार्यालयों में आनलाइन अटेंडेंस की व्यवस्था ठप होने से कर्मचारियों का मौजा ही मौजा है। चाहे आफिस 11 बजे पहुंचे या 12 बजे उनकी मर्जी। आनलाइन अटेंडेंस का यह कारगर प्रयोग तत्कालीन जिलाधिकारी गौरव दयाल के यहां से स्थानांतरित होते ही बंद कर दिया गया।
गौरतलब है कि तत्कालीन जिलाधिकारी ने तीन साल पूर्व सितंबर माह में जिले के ब्लाक कार्यालयों में आनलाइन उपस्थिति व्यवस्था लागू कराई थी। मकसद था आफिस टाइम में कर्मचारियों की गैरहाजिरी रोकने की। साथ ही समय से कार्यालय पहुंचने की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराना था।
करंजाकला ब्लाक से योजना का ट्रायल किया गया। व्यवस्था हिट रही तो पहले चरण में करीब डेढ़ दर्जन ब्लाकों में व्यवस्था लागू की गई। इसके बाद बीएसए कार्यालय, प्राथमिक विद्यालयों, विकास भवन, तहसील, कलेक्ट्रेट, स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्था लागू कराई गई। इस नई पहल ने रंग दिखाना शुरू किया। देखने में आया कि रोजाना कर्मचारी आफिस में दस बजकर दस मिनट से पहले उपस्थित होने लगे। पूरे समय कार्यालय में बैठने लगे क्योंकि आफिस से छूटने के टाइम की भी अटेंडेंस होती थी। अब यह व्यवस्था समाप्त हो गई, इसका परिणाम आम नागरिक भुगत रहे है।
कैसे होती थी आनलाइन अटेंडेंस
आफिस टाइम यानि दस बजकर पांच मिनट पर कर्मचारी व अधिकारी संबंधित कार्यालय के सामने एक साथ खड़े होते थे। इसके बाद स्वान परियोजना के तहत कर्मचारी सभी की सामूहिक रूप से फोटो करता था। फिर संबंधित वेबसाइट जेएनपीएएस डाट ओआरजी खोलकर सभी उपस्थित कर्मचारियों का फोटो अपलोड किया जाता था। वेबसाइट पर संबंधित कर्मचारियों के प्रोफाइल के आगे प्रजेंट, एबसेंट व लीव दर्ज किया जाता था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद वेबसाइट पर यह दर्ज हो जाता था कि आज कौन कर्मचारी उपस्थित है या अनुपस्थित।