चंदा लगाकर साफ कराया माइनर
खेतासराय (जौनपुर): एक तो सूखे की काली छाया किसानों पर पड़ ही रही है, ऐसे में सिंचाई विभाग की लापरवाही से इन्हें प्रतिवर्ष अपनी जेब से पैसा देकर जेसीबी से सफाई कराना होता है जिसे बाद में विभाग कागजी कोरम पूर्ण कर ठीकेदार से मिलकर लाखों की बंदरबांट कर लेता है।
हम बात कर रहे हैं ठेकवां राजवाहा की। यहां से माइनर निकला हुआ है जो पोरईकला, खुर्द, जमदहां होते हुए अब्बोपुर, मानीखुर्द आदि ग्रामों से निकली हुई है। कहने को तो काफी लंबी माइनर है लेकिन स्थिति यह है कि पूरी तरह से दो ग्राम के किसान भी इससे पूरी तरह लाभांवित नहीं हो पाते। ऐसा नहर विभाग की लापरवाही के चलते होता है। प्रतिवर्ष पोरईकलां, खुर्द के किसान चंदा लगाकर जेसीबी से इसकी सफाई कराते हैं जबकि विभाग कभी भी ऐसा कार्य करने से परहेज करता रहता है। हां यह बात और है कि इन्हीं किसानों की सफाई के पश्चात अपने ठीकेदार को भेजकर खानापूर्ति कराकर भुगतान अवश्य ले लेता है।
फिलहाल तो किसानों को आर्थिक रूप से दोहरी मार झेलना पड़ता है। एक तो सफाई में रुपया दूसरे ऐसे बहुत से किसान हैं जो पानी ही नहीं पाते हैं और तब तक हफ्ता ही चेंज हो जाता है। ऐसा आजमगढ़ के एक सत्तापक्ष के विधायक के दबाव में किया जाता है। प्राय: पानी खंड 36 में ही निर्बाध गति से बहता है। किसानों ने इस ओर विभागीय उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया है।