मदर एण्ड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम बना वरदान
जौनपुर : मदर एण्ड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम गर्भवती महिलाओं व शिशुओं के लिए वरदान साबित हो रहा है। जिले में तीन माह के भीतर 26 हजार गर्भवती महिलाओं और 21 हजार 619 शिशुओं का पंजीकरण कर नियमित जांच व टीकाकरण किया जा रहा है। ग्रामीणांचलों में राष्ट्रीय कार्यक्रम के प्रति जागरूकता के चलते प्रसव के दौरान होने वाली मौतों में काफी हद तक कमी आ जाएगी।
देश में हर साल प्रसव के दौरान आने वाली समस्याओं के कारण एक लाख से अधिक महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। इसके चलते शिशुओं की मृत्यु दर भी अधिक है। प्रसव के समय होने वाली मौतों को कम करने के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय जननी सुरक्षा योजना चला रहा है। इस योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाओं को मातृत्व संबंधी सेवाएं मुफ्त प्रदान करने के साथ ही गर्भावस्था संबंधी खर्च को पूरा करने के लिए नकद धनराशि भी दी जा रही है। अस्पतालों पर आने-जाने का किराया देने के साथ ही एएनएम व आशा को प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
जिला परियोजना प्रबंधक डा.सत्यव्रत त्रिपाठी ने बताया कि योजना के तहत महिला के गर्भवती होते ही आशा द्वारा पंजीकरण किया जाता है। इसके बाद आशा महिला को लेकर एएनएम के पास ले जाती है जहां जांच व टीकाकरण के बाद रिकार्ड संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेज दिया जाता है। योजना के तहत अस्पतालों पर तैनात आपरेटर गर्भवती महिला का डाटा मदर एण्ड चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम के ट्रैक पर कर दिया जाता है। उसके बाद निर्धारित समय पर जांच, टीकाकरण प्रसव की सूचना एसएमएस के जरिए एएनएम, आशा व गर्भवती महिला के फोन पर दी जाती है। यही प्रक्रिया प्रसव के बाद शिशुओं के लिए अपनाई जाती है।
जनपद में योजना के तहत 1.43 लाख गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण का लक्ष्य है। तीन माह में 26 हजार का पंजीकरण किया गया। वहीं 1 लाख 23 हजार 846 लक्ष्य के सापेक्ष 21619 बच्चों का पंजीकरण किया गया है। गत वर्ष तीन माह में 17 हजार 764 बच्चों का ही पंजीकरण था।