12 वर्ष पुरानी सूची से ढूंढे जा रहे पात्र
तेजीबाजार (जौनपुर): सरकार तहसील द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्रों को एक वर्ष तक ही वैध मानती है लेकिन 12 वर्ष पूर्व हुए आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर बनी बीपीएल सूची से सरकारी इंदिरा आवास और कल्याणकारी योजनाओं के पात्र ढूंढे जा रहे हैं। इससे बेघर लोग आवास की पात्रता सूची से बाहर हैं।
बेघर होना आवास के लिए सरकारी महकमा पात्र नहीं मानता बल्कि इसके लिए बीपीएल सूची में नाम होना जरूरी है। बीपीएल सूची में नाम दर्ज होने पर पात्रता के मापदण्ड न पूरा करने वाले भी पात्र मान लिए जाते हैं। लेकिन बड़ी विडंबना है कि आवास विहीन व्यक्ति, झोपड़ी में निवास करने वाले का नाम यदि बीपीएल सूची में नहीं है तो वह आवास की पात्रता सूची से बाहर ही रह जाता है।
सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के पात्रता के लिए आवश्यक बीपीएल सूची दशकों पूर्व बनी थी जबकि इन वर्षो में नए परिवारों का सृजन ही नहीं हुआ है। बल्कि लोगों की माली हालत में भारी बदलाव भी दर्ज किया गया है। जिसे सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी स्वीकार करते हैं लेकिन अपनी तकनीकी मजबूरी बताकर सारी जिम्मेदारी नीति नियंताओं पर डाल देते हैं।
फिलहाल इस कवायद से पात्र बेघर एक बार फिर पन्नी, बरसाती और झोपड़ी में बरसात गुजारने को मजबूर हैं।