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बीमारी फैलने पर तमाशा देखेगा पशुपालन विभाग

By Edited By: Published: Thu, 24 Jul 2014 07:38 PM (IST)Updated: Thu, 24 Jul 2014 07:38 PM (IST)
बीमारी फैलने पर तमाशा देखेगा पशुपालन विभाग

जौनपुर : पशुओं में संक्रामक बीमारी फैलने पर पशु पालन विभाग तमाशा देखेगा। वजह, बीमारियों से बचाव के लिए बारिश से पूर्व टीके नहीं लगाए गए हैं। विभागीय खामी या लापरवाही के चलते आधी बारिश बीतने के बाद वैक्सीन का लक्ष्य भेजा गया है। इसके सापेक्ष बीस फीसद भी टीका नहीं आया है।

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बारिश शुरू होते ही मानव ही नहीं मवेशियों में भी संक्रामक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इन बीमारियों की चपेट में आए पशुओं की जहां मौत हो जाती है वहीं जो बचते है उनका दुग्ध उत्पादन अत्यंत कम हो जाता है।

बारिश के पानी के साथ वातावरण में नाना प्रकार के जीवाणु, विषाणु व परजीवी दूषित मृदा व पानी के माध्यम से सक्रिय हो जाते हैं। इस मौसम में गला घोंटू, लंगड़ी, खुरपका, मुंहपका, पशु प्लेग, सर्रा आदि बीमारियों से बचाव हेतु गर्मी में ही टीकाकरण आवश्यक होता है। लेकिन इस वर्ष ऐसा नहीं हुआ।

पशु पालन विभाग की लापरवाही कहें या खामी इस वर्ष जुलाई माह के अंतिम पखवारे में टीकाकरण का लक्ष्य भेजा गया है। वहीं गलाघोंटू के नौ लाख लक्ष्य के सापेक्ष महज एक लाख पांच हजार वैक्सीन ही आ सकी है। एफएमडी, आरडी, पीपीआर शिपपास आदि वैक्सीन भी लक्ष्य से काफी कम आए हैं।

चिकित्सकों, कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा विभाग

स्वास्थ्य विभाग की तर्ज पर पशु पालन विभाग भी चल रहा है। पशु पालन को बढ़ावा देने के लिए जहां विभिन्न योजनाओं के जरिए करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं वहीं चिकित्सकों व कर्मचारियों की भारी कमी है। विभाग के लोग कागजों पर लक्ष्य पूरा कर अभियान को सफल बना देते हैं। विभागीय आंकड़े पर गौर करें तो यहां 37 अस्पतालों, तीन द श्रेणी अस्पताल, सात केविलेज यूनिट व 41 पशु सेवा केंद्रों में अधिकांश पद रिक्त हैं। वजह, 15 पशु चिकित्साधिकारी, 06 डिप्टी, 31 फार्मासिस्ट ही उपलब्ध हैं। सोंधी व बरईपार अस्पताल तो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के भरोसे है। यहां दूसरे अस्पतालों के चिकित्सकों को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। ऐसे में टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, बधिया व उपचार आदि का कार्य प्रभावित हो रहा है।

इनसेट..

समस्या से अवगत कराया गया

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा.आईए खान ने कहा कि चिकित्सकों व कर्मचारियों की कमी के चलते काफी व्यवधान आ रहा है। जनपद, मंडल व प्रदेश स्तरीय बैठकों में इस समस्या को उठाने के साथ ही उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। डा.खान ने कहा कि जितनी वैक्सीन आई थी उसे लगा दिया गया है।


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