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25 वर्ष बाद भी नहीं पूरा हुआ सपना

By Edited By: Published: Fri, 21 Mar 2014 08:10 PM (IST)Updated: Fri, 21 Mar 2014 08:10 PM (IST)
25 वर्ष बाद भी नहीं पूरा हुआ सपना

मुंगराबादशाहपुर (जौनपुर) : सतहरिया औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना हुई तो लोगों को उम्मीद थी कि जनपद के तमाम बेरोजगारों को रोजगार का अवसर मिलेगा। भूमि देने वालों को भी रोजी-रोजगार देने का वादा किया गया था लेकिन पच्चीस साल गुजर जाने के बाद भी सतहरिया का अपेक्षित विकास नहीं हुआ और न ही किसी जनप्रतिनिधि ने विकास के लिए कोई ठोस कदम ही उठाया। जिससे बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मिल सके।

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सीडा बोर्ड की स्थापना तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने 28 जून 1989 में की थी। स्थापना के बाद दो-तीन साल के भीतर सैकड़ों फैक्ट्रियां लग गई। पहले एक दशक के अंत तक 172 फैक्ट्रियां स्थापित हो गई लेकिन दूसरा दशक पलायन का युग बना। धीरे-धीरे फैक्ट्रियों का पलायन शुरू हो गया। इस समय चौधराना स्टील, विंध्यवासिनी स्टील, जौनपुर टेक्सटाइल, सुमन टेक्सटाइल, रघुवंशी टायर, अमित आयल सहित कुल 80 फैक्ट्रियां बंद पड़ी है। 2009 में बंद हुई पेप्सिको कंपनी 2013 में नए कलेवर में आरंभ हो गई, जिससे सीडा में बढ़ रही वीरानगी में एक बार फिर रौनक लौटने लगी।

अभिनव स्टील पावर प्लांट, हाकिन्स, चारमीनार आदि फैक्ट्रियां सीडा औद्योगिक क्षेत्र की रौनक बनी हुई है। अन्यथा सीडा की वीरानगी एक भयावह खण्डहर की तरह डरावनी बन जाती। जहां जाने से भी लोग घबराया करते।

वहीं सीडा की स्थापना में भूमि देने वाले किसानों को आश्वासन दिया गया था कि इस क्षेत्र में भारत सरकार के सहयोग से फैक्ट्रियां लगेंगी। जिसमें भूमि देने वाले किसानों के परिवार को नौकरी दी जाएगी। साथ ही जिन ग्राम पंचायतों की भूमि ली गई है उन गांवों के विकास की जिम्मेदारी सीडा प्राधिकरण की होगी। बिजली, पेयजल आपूर्ति आदि सुलभ कराया जाएगा लेकिन यह एक सपना साबित हुआ।

क्यों नहीं हुआ विकास

सीडा का विकास नहीं हुआ, इसके पीछे कई कारण उभरकर सामने आ रहे हैं। क्षेत्र की जर्जर सड़कें, टूटी नालियां, अन्य संसाधनों का अभाव, जिसे देखकर उद्योग लगाने आए उद्यमियों ने कदम पीछे खींच लिया। क्षेत्र में प्रारंभिक शिक्षा के लिए एक स्कूल भी नहीं है। रेलवे ट्रैक आज तक नहीं पहुंच सका है। मोटर ट्रांसपोर्ट के सिवा कच्चा माल लाने व उत्पाद ले जाने की कोई अन्य व्यवस्था नहीं है। आवासीय सुविधा भी अपर्याप्त है।

नहीं आरंभ हुआ फायर स्टेशन

सीडा क्षेत्र में छह माह से बनकर तैयार फायर स्टेशन का शुभारंभ नहीं हो सका है। 25 साल बाद आगजनी रोकने के लिए केंद्र तो बन गया लेकिन चालू नहीं हुआ।

हो रहा है क्षेत्र का विकास

सीडा प्राधिकरण के प्रबंधक स्वेताभ रंजन दास का दावा है कि पिछले दो-तीन साल में कई नई फैक्ट्रियां क्षेत्र में लग रही है। क्षेत्र की सड़कों एवं नालियों का निर्माण शीघ्र कराया जाएगा।


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