Move to Jagran APP

'ओम नम: शिवाय' मंत्र से मनोवैज्ञानिक लाभ

By Edited By: Published: Wed, 16 Jan 2013 06:51 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2013 06:53 PM (IST)
'ओम नम: शिवाय' मंत्र से मनोवैज्ञानिक लाभ

सिंगरामऊ (जौनपुर): योग और ध्यान से जिस आनंद की अनुभूति होती है वह अंत:करण के लिए उपयोगी है। 'ओम नम: शिवाय' मंत्र का यह प्रभाव होता है कि उससे मनुष्य में व्याप्त रोगों का विनाश होता है। बशर्ते योग को ठीक से किया जाय।

loksabha election banner

यह तथ्यात्मक जानकारी योग विशेषज्ञ पंकज पांडेय ने मंगलवार को बाजार में स्थित मेजर अमर बहादुर सरस्वती सिंह ग‌र्ल्स सेण्ट्रल एकेडमी के तत्वाधान में एक कार्यक्रम में दी। उन्होंने बताया योग माध्यम है और ध्यान ध्येय। अगर अनंत को समझना है तो शरीर (अंत) को जानना होगा। अंत को ही योग व ध्यान के माध्यम से इतना साधा जा सकता है कि सहज रूप से अनंत की प्राप्ति हो जाएगी। मानव शरीर में मस्तिष्क महत्वपूर्ण हिस्सा है। मस्तिष्क के जागरण के लिए ध्यान की विधियां ठीक से अपनानी चाहिए। इसीलिए योग का प्रशिक्षण होता है। इसके अलावा भोजन का संतुलन व उचित रूप से सेवन भी जरूरी है जिससे व्यक्ति वीर्यवान बनकर कार्य करे। योग को सरल करके आम जन तक बनाया जा रहा है। अध्यक्षता अरविंद दूबे संचालन प्रशांत कुमार ने किया।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.