गंदगी से पटा तालाब, ग्रामीण परेशान
संवाद सूत्र, गोहन : भले ही सरकारें जल संरक्षण के मुख्य स्त्रोत रहे तालाबों के रखरखाव की योजना
संवाद सूत्र, गोहन : भले ही सरकारें जल संरक्षण के मुख्य स्त्रोत रहे तालाबों के रखरखाव की योजनाएं बनती रही हैं, लेकिन उनको क्रियान्वित करने में हमेशा कोताही बरती जाती है। इस कारण तालाबों की हालत खराब हो रही है। तालाब गंदगी का शिकार होकर निष्प्रयोज्य हो रहे हैं। हालात ये है कि पशुपालकों के सामने अपने मवेशियों के लिए पीने के पानी का संकट खड़ा है।
ब्लाक रामपुरा के ग्राम मल्लाहनपुरा में बने तालाब में व्याप्त गंदगी के कारण लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस तालाब पर सबसे ज्यादा समस्या तो अवैध कब्जा करने वालों की है। उन्होंने इसे चारों ओर से घेर लिया है। तालाब के जल निकासी की कोई सुविधा नहीं है। ऐसे में ग्रामीणों के घरों से निकलने वाले नालों का गंदा पानी भी इस तालाब में भरता है। वही गांव में संपन्न होने वाले शादी-बारात या अन्य कोई कार्यक्रमों में प्रयोग होने वाले दोना पत्तलों को भी इसी तालाब में डाल दिया जाता है। जिससे लगातार गंदगी बढ़ती जा रही है। चूंकि प्राथमिक विद्यालय ल एक मंदिर इस तालाब से बिल्कुल सटा हुआ है, ऐसे में छात्र-छात्राओं और मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को इस तालाब से उठने वाली सड़ांध से काफी तकलीफ होती है। इसमें व्याप्त भारी गंदगी के कारण लोगों में संक्रामक बीमारियों के फैलने की संभावना प्रबल हो गई है।
ग्रामीणों का दर्द
खेमराज कहते हैं कि ब्लाक व जिला स्तर पर शिकायत के बाद भी तालाब के कायाकल्प की किसी ने नहीं सोची। हम लोग नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
विनोद कुमार का कहना है कि इस तालाब की खुदाई कराना तो दूर की बात आज तक इसकी सफाई भी किसी ने नहीं कराई है।
पचोले का कहना है कि तालाब में व्याप्त गंदगी से लोग बीमार हो रहे हैं। उनकी कोई सुनने वाला ही नहीं है। तालाब में गंदगी के कारण मवेशी भी पानी के लिए भटक रहे हैं।
प्रधान प्रतिनिधि श्यामाचरण कहते हैं कि सबसे बड़ी समस्या तो अवैध कब्जा करने वालों की है जो लगातार कब्जा किये जा रहे है। इसके अलावा गांव में भी गंदगी का साम्राज्य है।