वृक्ष बढ़ने से सुधरेगा पर्यावरण
जागरण संवाददाता, उरई : जरूरी अनुपात की अपेक्षा वृक्षों की कमी और भूमि के कटाव की वजह से पर्यावरण छि
जागरण संवाददाता, उरई : जरूरी अनुपात की अपेक्षा वृक्षों की कमी और भूमि के कटाव की वजह से पर्यावरण छिन्नभिन्न हो गया है। हर दिन हालात भयावह होते जा रहे हैं, हर व्यक्ति को स्वस्थ्य पर्यावरण की जरूरत है लिहाजा हरियाली बढ़ाने में सभी सहभागिता करनी होगी। यह बात कानपुर विश्व विद्यालय के सहायक प्रोफेसर डा. गौरव राव ने दयानंद वैदिक कालेज में आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यान कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का असंतुलन वृक्षों की कमी, पशु पक्षियों के विलुप्त होने एवं भूमि के कटाव के कारण हुई है।
विकास की चकाचौंध के बीच सभी को पर्यावरण के संरक्षण के लिए भी गंभीर होने की जरूरत है, नहीं तो आने वाले समय में लोग शुद्ध हवा को तरसेंगे। प्राकृतिक संपदा के दोहन ने स्थिति खराब की है। उस नियंत्रण करने की जरूरत है। डा.अनिल कुमार श्रीवास्तव ने छात्र छात्राओं को पर्यावरण के संरक्षण में वृक्षों की महत्ता के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जब तक धरा पर हरियाली नहीं बढ़ेगी, पर्यावरण सुधरने की कल्पना भी नहीं की जा सकती। इस वजह से हर किसी को अपने दायित्व का संजीदगी से निर्वाहन करने की जरूरत है। कार्यक्रम का संचालन शिक्षक शिक्षा विभाग की एचओडी डा.शैलजा गुप्ता ने किया। इस दौरान प्राचार्य डा.राजेश कुमार पांडेय, सुरेंद्र यादव, योगेश पाल, सुरेश गुप्ता, वर्मा, उमेश ¨सह, डा. रामजी समाधिया, विजय राम, चंदन आदि मौजूद रहे।