उखड़ने लगीं करोड़ों की सड़कें
उरई, जागरण संवाददाता : सड़कों के निर्माण में जमकर धांधली हो रही है। भ्रष्टाचार के चलते करोड़ों की सड़के
उरई, जागरण संवाददाता : सड़कों के निर्माण में जमकर धांधली हो रही है। भ्रष्टाचार के चलते करोड़ों की सड़कें बनते ही उखड़ने लगी हैं। माधौगढ़ क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाई जा रही सड़कें दस दिन में ही उखड़नी शुरू हो गयी हैं। इन सड़कों की लागत करोड़ों रुपये है। गुणवत्ता खराब होने से सड़कों की दशा खराब है। इसके साथ ही 9 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया जा रहा आटा इटौरा मार्ग भी एक ही बरसात में दम तोड़ता नजर आ रहा है। जिले की सड़कों का भगवान ही मालिक है।
अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण सड़कों के निर्माण में धांधली रुक नहीं रही है। कमीशनबाजी के चक्कर में सड़कें बनते ही टूटने लगती हैं। सड़कों के बनाये जाने में गुणवत्ता या मानको को दरकिनार कर दिया जाता है। इस कारण सरकार का करोड़ों रुपये पानी में चला जाता है। अभी हाल ही में माधौगढ़ क्षेत्र में बंगरा-जगम्मनपुर-कनार मार्ग को 10 करोड़ की लागत से बनवाया जा रहा है। इसकी लंबाई 13 किमी है। सड़क आगे बन रही है पीछे से उखड़ रही है। कमोबेश यही हालत बंगरा-रेढ़र- नावली मार्ग लागत 10 करोड़, मसूदपुरा- गिदवासा मार्ग लागत 4 करोड़ रुपये की है। यह सभी सड़कें प्रधानमंत्री सड़क योजना से बनवाई जा रही है। अभी यह सड़कें बन रही हैं, हालत यह है कि आगे सड़कें बनते ही उखड़ रही है। जहां कहीं पर गिट्टी ही डलवाई गयी है तो मिट्टी ऊपर से डाल देने के कारण दलदल हो गया है जबकि गिट्टी के ऊपर मिट्टी का प्रयोग किया ही नहीं जाना चाहिए। सड़कें ग्रामीणों की सुविधा के लिए बनवाई जाती है लेकिन उनका उपयोग लोग एक महीने भी नहीं कर पाते हैं। कमीशनबाजी के चक्कर में सड़कों की गुणवत्ता का खयाल ही नहीं रखा जाता है। जिससे सड़कों की हालत खराब हो चुकी है। यह हालत केवल एक ही सड़क की नहीं है बल्कि अन्य सड़कों का भी यही हाल है। आटा से इटौरा तक 9 करोड़ रुपये की लागत से बनाई गयी सड़क कई स्थानों पर गड्ढों में तब्दील हो गयी है। विभाग के साथ मिलीभगत करके ठेकेदार करोड़ों रुपये का चूना सरकार को लगाते रहते हैं। अभी हाल ही में सड़कों की शिकायत मिलने पर सीडीओ ने प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत बनाई जा रही सड़कों की टीएसी जांच के आदेश भी दिये हैं।
जिम्मेदार बोले
प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत जो सड़कें बनवाई जा रही हैं उनमें गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाता है। सड़क बनाने के दौरान कहीं बारिश हो जाती है तो पें¨टग नहीं हो पाती है। जिससे सड़क उखड़ी जैसी लगने लगती है। वैसे भी सड़क बनाने वाले ठेकेदार की जिम्मेदारी होती है कि वह पांच वर्ष तक सड़कों का रखरखाव करेगा जिससे कोई भी ठेकेदार सड़क खराब बनाने का प्रयास ही नहीं करेगा। अगर कहीं पर सड़क उखड़ी भी है तो उसे ठीक कराया जायेगा। जिन सड़कों की टीएसी जांच के आदेश हुए थे वह जांच में सही पाई गयी हैं। बीडी गुप्ता, अधिशाषी अभियंता निर्माण खंड दो।